पंजाब में आए दिन कोई न कोई ऐसा मामला सामने आता रहता है जिसमें करंट लगने से किसी न किसी व्यक्ति की मौत हो जाती है, लेकिन ऐसे में कोई भी हाथ थामने को तैयार नहीं है, न ही पावरकॉम इसकी जिम्मेदारी लेता है। लेकिन अब पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट ने पंजाब बिजली विभाग को आदेश जारी किए हैं. कि अगर बिजली के करंट से किसी की मौत होती है तो मृतक के परिवार को उचित मुआवजा दिया जाए। यह मुआवजा घटना के करीब 30 दिन के भीतर देना होता है। हालांकि कोर्ट ने कहा कि यह नियम तभी लागू होगा जब इस घटना में बिजली विभाग की लापरवाही सामने आये।
दरअसल, पिछले कुछ दिनों में जालंधर में करंट से होने वाली मौतों की संख्या बढ़ने के बाद पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने शुक्रवार को पंजाब स्टेट पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (PSPCL) को आदेश दिया है। साथ ही हाई कोर्ट ने कहा कि इस नीति के तहत हाई कोर्ट में लंबित मुआवजा याचिकाओं का निपटारा किया जाए। पंजाब सरकार ने जवाब के लिए हाईकोर्ट से कुछ समय मांगा है। इस पर हाई कोर्ट ने सुनवाई स्थगित कर दी। आपको बता दें कि पिछले 30 दिनों में जालंधर में ऐसी घटनाएं सामने आई हैं, जिसमें करंट लगने से लोगों की मौत हो गई। हालाँकि, पावरकॉम ने कहा कि उपरोक्त घटनाओं में पावरकॉम की कोई गलती नहीं है।
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करंट से मौत के मुआवजे को लेकर बड़ी संख्या में याचिकाएं पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट में लंबित थीं और हाईकोर्ट ने पंजाब सरकार और पीएसपीसीएल को मुआवजे के लिए नीति बनाने का निर्देश दिया था। बता दें कि सरकारी वकील तेज शर्मा ने पंजाब के अधिकारियों द्वारा तैयार की गई रिपोर्ट हाई कोर्ट में पेश की थी, जिसमें बहस के बाद सरकारी कर्मचारियों, कॉन्ट्रैक्ट कर्मचारियों के साथ-साथ लोगों के लिए मुआवजा राशि तय करने के आदेश दिए गए थे।