हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी की अध्यक्षता में आज मंत्रिमंडल की बैठक आयोजित की गयी। बैठक में मुख्यमंत्री ने हरियाणा भूमि राजस्व अधिनियम, 1887 (पंजाब अधिनियम XVII, 1887) में संशोधन करने के राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान की गई, ताकि जमीन के बंटवारे के मामलों का शीघ्र निपटान सुनिश्चित किया जा सके। नए अधिनियम को “हरियाणा भूमि राजस्व (संशोधन) अधिनियम, 2024” कहा जाएगा।
नए अधिनियम के तहत, धारा 111 में निहित किसी भी बात के बावजूद और इस संशोधन अधिनियम के लागू होने की तिथि से ऐसी अवधि के भीतर, जिसे उपायुक्त द्वारा राजस्व संपदा के संबंध में अधिसूचित किया जा सकता है, अधिकार क्षेत्र वाले राजस्व अधिकारी राजस्व रिकॉर्ड में दर्ज सभी सह-हिस्सेदारों या सह-हिस्सेदारों जिनके पक्ष में म्यूटेशन स्वीकृत किए गए हैं, को नोटिस जारी करने की तारीख से छह महीने की अवधि के भीतर आपसी सहमति से उनके संयुक्त स्वामित्व में भूमि का बंटवारा करवाने के लिए स्वप्रेरणा से नोटिस जारी करेंगे। बशर्ते कि यह प्रावधान उन जगहों पर लागू नहीं होगा जहां सभी सह-हिस्सेदार रक्त से संबंधित हैं या जहां अन्य सह-हिस्सेदार पति या पत्नी है। इसके अलावा यह भी प्रावधान है कि जहां सह-हिस्सेदार रक्त से संबंधित हैं, इस धारा के प्रावधानों को किसी भी सह-हिस्सेदार द्वारा संयुक्त स्वामित्व वाली भूमि जोत के बंटवारे की मांग करते हुए भूस्वामी को अपना हिस्सा बंटवारा करवाने के लिए राजस्व अधिकारी को नोटिस देकर लागू किया जा सकता है।