Haryana News : हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में चंडीगढ़ में मंत्रिमंडल की बैठक में हरियाणा दुकान एवं वाणिज्यिक प्रतिष्ठान (संशोधन) अध्यादेश, 2025 को मंज़ूरी दे दी गई। इसका उद्देश्य श्रम कानूनों का आधुनिकीकरण, अनुपालन प्रक्रियाओं को सरल बनाना और श्रमिकों के कल्याण की रक्षा करते हुए व्यवसाय-अनुकूल वातावरण को बढ़ावा देना है। अध्यादेश के अनुसार, सभी नियोक्ताओं को अपने कर्मचारियों को नियुक्ति पत्र और पहचान पत्र जारी करना अनिवार्य होगा।
यह संशोधन हरियाणा दुकान एवं वाणिज्यिक प्रतिष्ठान अधिनियम, 1958 को वर्तमान आर्थिक परिस्थितियों और राज्य में व्यवसाय करने में आसानी के लिए चल रहे सुधारों के अनुरूप बनाता है। इसका मुख्य उद्देश्य नियमों को सरल बनाना, पारदर्शिता के लिए डिजिटल प्रणाली लागू करना, छोटे अपराधों को अपराध की श्रेणी से बाहर करना और श्रमिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है।
संशोधन के तहत अब यह अधिनियम 20 या उससे अधिक कर्मचारियों वाले प्रतिष्ठानों पर लागू होगा। वहीं, 20 से कम कर्मचारियों वाली छोटी इकाइयों को केवल ऑनलाइन स्व-घोषणा (self-declaration) देनी होगी। पंजीकरण, संशोधन और बंद करने से संबंधित सभी कार्य पूरी तरह से एक ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से होंगे। इससे हरियाणा सेवा का अधिकार अधिनियम, 2014 के तहत तेज़, पारदर्शी और जवाबदेह सेवा सुनिश्चित होगी।
कार्य समय में भी व्यावहारिक बदलाव किए गए हैं। दुकानों और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों में दैनिक कार्य अवधि नौ घंटे से बढ़ाकर दस घंटे कर दी गई है, जबकि साप्ताहिक कार्य सीमा 48 घंटे ही रहेगी। बिना आराम के लगातार काम की अवधि पाँच घंटे से बढ़ाकर छह घंटे कर दी गई है। तिमाही ओवरटाइम की सीमा भी 50 घंटे से बढ़ाकर 156 घंटे कर दी गई है, जिससे व्यवसायों को अपने व्यस्त समय में कार्य प्रबंधन में सुविधा मिलेगी।
संशोधन में मामूली प्रक्रियात्मक या आर्थिक अपराधों के लिए जेल की सज़ा के स्थान पर मौद्रिक दंड का प्रावधान किया गया है, जिससे छोटे व्यवसाय मालिकों को अपराधी बनाए बिना प्रभावी प्रवर्तन सुनिश्चित हो सके। साथ ही, दंड व्यवस्था को भी युक्तिसंगत और पारदर्शी बनाया गया है ताकि अनुपालन को बढ़ावा मिले और जवाबदेही सुनिश्चित हो।

