Saturday, May 18, 2024
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रोहतक के लापता पुलिसकर्मी का नहीं मिला कोई सुराग, पुलिस को मिला सुसाइड नोट

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महम के गांव खरकडा निवासी 40 वर्षीय प्रमोद हरियाणा सरकार ग्रुप डी की भर्ती में हरियाणा पुलिस विभाग में कुक की नौकरी पर भर्ती हुआ था। नौकरी के मात्र लगभग साढ़े तीन साल बाद 21 नवंबर को ऑन डयूटी से लापता हो गया।

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रोहतक। रोहतक में पिछले दस दिन से लापता पुलिसकर्मी का अभी तक कोई सुराग नहीं मिला है। लापता पुलिसकर्मी फरीदाबाद पुलिस में डी ग्रुप कर्मचारी के तौर पर तैनात थे। जिसका अब तक उसका कोई सुराग नहीं मिल पाया है।परिजनों के अनुसार लापता प्रमोद ने डीजीपी के नाम एक सुसाइड नोट भी व्हाट्सएप और ईमेल से भेजा है। जिसमें उनसे फरीदबाद पुलिस के कई अधिकारियों के नाम लिखे हैं। इन सभी को उसने आत्महत्या के लिए जिम्मेदार बताया है। गांव में परिजनों का रो रोकर बुरा हाल हो चुका है। परिवार के लोग प्रमोद को ढूंढने के लिए नेताओं, मंत्रियों और अधिकारियों से गुहार लगा रहे हैं।

डीजीपी को भेजे सुसाइड नोट में प्रमोद ने लिखा था – ”मैं पहले भी कई बार शिकायत कर चुका हूं, परंतु फरीदबाद पुलिस के उच्च अधिकारी मुझे मानसिक और आर्थिक रूप से परेशान कर रहे हैं। उनके अत्याचार रुकने का नाम नहीं ले रहे। आज मैं फिर मजबूर होकर एक शिकायत कर रहा हूं कि हर दूसरे तीसरे दिन मौखिक रूप से बदली कर देते हैं और जहां भी जाता हूं मुझे अपना केस वापस लेने का दबाव बनाते हैं, कहते हैं कि नहीं तो ऐसे ही तंग करेंगे। मैं इनके अत्याचारों से तंग आकर आत्महत्या करने के लिए मजबूर हूं। जिसके जिम्मेदार पुलिस के उच्च अधिकारी हैं। बार-बार शिकायत करने पर भी दोषियों के खिलाफ कार्रवाई न करके मेरा शोषण कर रहे हैं। मेरा जितना भी लेन-देन व मेरे परिवार वालों को तो भी परेशानी होगी ओवर ऑल सबके जिम्मेदार पुलिस विभाग के अधिकारी होंगे।”

आपको बता दें कि महम के गांव खरकडा निवासी 40 वर्षीय प्रमोद हरियाणा सरकार ग्रुप डी की भर्ती में हरियाणा पुलिस विभाग में कुक की नौकरी पर भर्ती हुआ था। नौकरी के मात्र लगभग साढ़े तीन साल बाद 21 नवंबर को ऑन डयूटी से लापता हो गया। 20 नवंबर को घर से फरीदाबाद ड्यूटी पर गया था, जहां से उसने अपनी पत्नी को बताया था कि वह पहुंच चुका है। इनके पिता रामेहर चोपड़ा ने बताया कि 21 नवंबर को लगभग 11 बजे उससे बात हुई थी। उसने कहा था कि उसे महकमे के कुछ अधिकारी बिना वजह तंग कर रहे हैं।

आप मेरी चिंता मत करना। उसके बाद से उसका फोन भी स्वीच ऑफ रहा है, वह ड्यूटी पर नहीं है। उन्हें अंदेशा है कि उसके बेटे को अगवा किया गया है या कोई और अप्रिय घटना घटित हो चुकी है। स्वजनों का आरोप है कि विभाग की ओर से उससे 8 घंटे की डयूटी के स्थान पर 24 घंटे काम लिया जाता था। मना करने पर उन्हें प्रताडित करने के लिए एक स्थान से दूसरे स्थान पर भेजा जाने लगा। जिसके कारण प्रमोद ने तंग करने वाले अधिकारियों के खिलाफ केस दायर कर दिया जो अब भी चले हुए हैं। दस दिन बीत जाने के बाद भी जब उसका पता नहीं चल पाया।

बहुजन समाज पार्टी की ओर से सीटीएम को ज्ञापन भी सौंपा गया जिसमें चेतावनी दी कि प्रमोद को नहीं तलाशा गया और फरीदाबाद पुलिस पर कार्रवाई नहीं हुई तो हर जिले में आंदोलन होगा। ज्ञापन में बताया कि इसमें बताया गया कि प्रमोद गरीब परिवार से है, जिसकी तीन बेटियां हैं और एक बेटा है। 10 दिनों के बाद उसका कोई पता नहीं चल पाया है। खरकड़ा गांव के शमशेर सिंह खरकड़ा और रामचंद्र जांगड़ा, नेताओं के पास संदेश भेजा गया लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई।

बहुजन समाज पार्टी के प्रदेश महासचिव संजय चोपड़ा, रामनिवास, विधान सभा अध्यक्ष महम अमन वाल्मीकि, विधानसभा अध्यक्ष रोहतक, पूनम कोली, मनजीत, जुगनू, सत्यवान, अजमेर, चमन लाल, सुरेश जांगड़ा, एडवोकेट सुरेश कुमार, जितेंद्र काकरान सुभाष आदि ने ज्ञापन सौंपकर दो दिन का समय दियस है। ज्ञापन में बताया गया कि फरीदाबाद पुलिस पर जल्द कार्रवाई नहीं की तो प्रदेश के सभी जिलों पर बहुजन समाज पार्टी आंदोलन करेगी।

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