Sunday, October 6, 2024
Homeहरियाणारोहतकठगी का नया तरीका : डिजिटल अरेस्ट से घबराएं नहीं, 1930 पर...

ठगी का नया तरीका : डिजिटल अरेस्ट से घबराएं नहीं, 1930 पर कॉल कर करें शिकायत

रोहतक। पुलिस द्वारा साइबर अपराध के प्रति निरंतर चलाए जा रहे जागरूकता अभियान के बावजूद शिक्षित व्यक्ति भी लालच में आकर साइबर ठगी का शिकार हो रहे है। साइबर ठग नए-नए तरीकें अपना कर लोगों को अपने जाल में फंसा रहे है।

पुलिस अधीक्षक हिमांशु गर्ग ने बताया कि आपके बेटे या बेटी का नाम लेकर कहा जाए कि वह कहां है और अगले ही पल पर कहा जाए कि मैं नारकोटिक्स विभाग, सीबीआई या पुलिस से बोल रहा हूं और वह हमारी हिरासत में है। ड्रग्स या अन्य किसी गतिविधि में शामिल होने की वजह से उसे पकड़ा गया है। इसके अलावा आपके नाम विदेश से पार्सल आया और उसमे आपतिजनक वस्तु होने की बात कही जाए तो तुंरत सतर्क हो जाए। यह साइबर ठगों का काम हो सकता है। साइबर ठग आपको डिजिटल अरेस्ट कर ठगी का शिकार बना सकते है। ऐसे हालात में घबराएं नहीं सचेत रहे और साइबर क्राइम हेल्पलाइन नंबर 1930 पर तुंरत कॉल करे।

क्या है डिजिटल अरेस्ट

यह साइबर ठगों द्वारा अपनाया जाने वाला ठगी का नया तरीका है। डिजिटल अरेस्ट के मामलो में ठग किसी सरकारी एजेंसी का अफसर या पुलिस अफसर बनकर वीडियो कॉल करते है। वीडियो कॉल के बैकग्राउंड को किसी पुलिस स्टेशन की तरह बना लिया जाता है। जिसे देखने वाला हर व्यक्ति डर जाता है और उनकी बातों में आ जाता है। इसमे पीड़ित को फोन कर झूठे मामले में पहले काफी डराया जाता है। कहा जाता है कि उपर मामला दर्ज किया जा रहा है, जिससे वह डर जाता है। इसमे वीडियो कॉलिग के द्वारा पीड़ित को घर में बंधक बना लिया जाता है। ठगों द्वारा व्यक्ति को 24 घंटे उनके संपर्क मे रहने के लिये सर्विलांस पर फोन या बेवसाइट के जरिए नजर रखने की बात कहीं जाती है। अपराधी इस दौरान आपको वीडियो कॉल से हटने भी नहीँ देता है और न ही किसी को कॉल करने देते है। लंबी सजा और बड़े जुर्माने व समाज मे अपमान होने के डर से पीड़ित ठगों द्वारा कही हर बात को फॉलो करता है। इस दौरान ठग केस को रफा-दफा करने के लिये पीड़ित से पैसे मांगता है और पीड़ित उसे रकम भी दे देता है।

पुलिस अधीक्षक ने बताया कि डिजिटल अरेस्ट मे पीड़ित को स्काइप के माध्यम से निगरानी में रखा जाता है। और ठगी करने के बाद ही उसे मुक्त किया जाता है। राष्ट्रीय साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल पर डिजिटल अरेस्ट की शिकायतों में अपराधी खुद को पुलिस, सीबीआई, नारकोटिक्स विभाग, सीबीआई विभाग, आरबीआई और ईडी जैसी ऐंजिसियों के अधिकारी बताकर धमकी, ब्लैकमेल, जहरन वसूली और डिजिटल अरेस्ट जैसी वारदातों को अंजाम देते है। ऐसे जालसाजों से बचकर रहे और तुंरत शिकायत साइबर हेल्पलाइन नम्बर 1930 पर कॉल कर शिकायत दर्ज करें।

- Advertisment -
RELATED NEWS
- Advertisment -

Most Popular