ट्रेड यूनियनों की राष्ट्रव्यापी हड़ताल से देशभर में बैंकों, डाकघर और रेलवे समेत कई सेवाएं प्रभावित हैं। जगह- जगह श्रमिक संगठन मांगों को लेकर विरोध कर रहे हैं। इस हड़ताल को किसान संगठनों और ग्रामीण मजदूर यूनियनों का भी समर्थन है।
हड़ताल में बिजली के साथ रेल, बैंक, बीमा, बीएसएनएल, पोस्टल, केन्द्र सरकार के सार्वजनिक उपक्रम, केन्द्र सरकार और राज्य सरकार के कर्मचारी, निजी कल कारखानों के कर्मचारी और मजदूर शामिल हैं। यूनियनों ने दावा किया है कि देशभर में 25 करोड़ कर्मचारी हड़ताल पर हैं।
ये हैं मांगें
- चारों लेबर कोड्स तुरंत रद्द किए जाए
- बिजली क्षेत्र में हर तरह के निजीकरण वाले पावर बिल को वापस लो
- सभी तरह के कच्चे/ अनुबंधित पार्ट टाइम कर्मचारियों के लिए न्यूनतम वेतन 26000 करने की मांग
- बिजली निगमों में सभी तरह के अस्थाई/ अनुबंधित कर्मचारियों को पक्का करो ।
- सभी कच्चे कर्मचारियों को मंहगाई भत्ता, वर्दी भत्ता, पदोन्नति, ग्रेच्युटी, मकान भत्ता सहित सभी लाभ दिए जाएं।
- नई पेंशन योजना रद्द करो। पुरानी पेंशन योजना लागू करें तब तक नई पेंशन से रिटायर्ड कर्मचारियों को मेडिकल
बिलों को भुगतान तथा मेडिकल सुविधाएं मुहैया कराई जाएं। - किसान संगठनों की स्वामीनाथन आयोग के सी2 प्लस 50 प्रतिशत के फॉर्मूले के आधार पर फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) और ऋण माफी की मांग