Sunday, May 19, 2024
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रोहतक में सरकार के खिलाफ नगरपालिका कर्मचारी संघ की हुंकार, 3 दिन भूख हड़ताल करेंगे सफाईकर्मी

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बिड़लान ने बताया कि ग्रामीण सफाई कर्मचारियों की पिछले 42 दिनों से हड़ताल चल रही है। साथ ही गुरुग्राम नगर निगम 3480 सफाई कर्मचारियों की गैर कानूनी तरीके से छंटनी की गई है।

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रोहतक। रोहतक में सरकार के खिलाफ नगरपालिका कर्मचारी संघ ने हुंकार भर ली है। नगरपालिका कर्मचारी संघ के आह्वान पर 4,5 और 6 दिसंबर को नगर निगम, नगर परिषद व नगर पालिका के सफाई कर्मचारी कर्मिक भूख हड़ताल करेंगे। साथ ही 14 व 15 दिसंबर को पूरे प्रदेश में हड़ताल की जाएगी। मंगलवार को डीसी अजय कुमार को नगर पालिका कर्मचारी संघ के प्रधान संजय बिड़लान के नेतृत्व में सफाई कर्मियों के एक प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल के नाम मांग पत्र सौंपा।

बिड़लान ने बताया कि ग्रामीण सफाई कर्मचारियों की पिछले 42 दिनों से हड़ताल चल रही है। साथ ही गुरुग्राम नगर निगम 3480 सफाई कर्मचारियों की गैर कानूनी तरीके से छंटनी की गई है। रोहतक नगर निगम के 500 के करीब सफाई कर्मचारियों व अन्य पालिका, परिषद व अग्निशमन विभाग के लगभग 5000 कर्मचारियों की छंटनी की गई है। उन्होंने बताया कि सफाई कर्मियों ने 18 व 19 नवंबर को हिसार में निकाय मंत्री कमल गुप्ता को मांग पत्र दिया था। इसके बावजूद मांगों को पूरा नहीं किया जा रहा है। डीसी ने मांग पत्र मुख्यमंत्री तक पहुंचाने का भरोसा दिया।

डीसी से मिलने वालों में श्रवण बोहत (महासचिव) विक्की बिड़लान (कोषाध्यक्ष) अनिल कांगड़ा (जिला प्रधान) मुन्नू चांवरिया (संरक्षक), राजेश बागड़ी उप प्रधान सर्व कर्मचारी संघ, नरेश बागड़ी सफाई दरोगा, अंकित आदिवाल, अरुण बिड़लान, जितेंद्र शर्मा, रवि चड्डा, सतपाल बिडलान, सौरव बागड़ी, संजय भोला, कंवल राणा, योगेश बिडलान, वीरेंद्र (लाला), पवन राणा, शिंटू कांगड़ा, दीनदयाल, राज कुमार ढिलोड, सोमी बोहत, राधे श्याम, सुरेंद्र चावरिया और अमित बिड़लान भी मौजूद रहे।

ये हैं मांगे

-विधानसभा में नई नीति (बिल) बनाकर ग्रामीण सफाई कर्मचारियों को रेगुलर कर्मचारी का दर्जा दिया जाए।
-पंचायतों की बजाए ग्रामीण सफाई कर्मचारियों को बीडीपीओ के पे-रोल रखा जाए।
-मृतक कर्मचारी के परिवार के सदस्यों को एक्स ग्रेशिया नीति के तहत नौकरी दी जाए।
-5-6 गांवों का जोन बनाकर ग्रामीण सफाई कर्मियों में ही पढ़े लिखे कर्मचारियों को सफाई सुपरवाइजर लगाकर कर्मियों के काम की देखरेख और हाजिरी लगाने की व्यवस्था करके बेगार प्रथा पर स्थाई रोक लगाई जाए।
-2000 की बजाए नगर पालिका की तर्ज पर 400 की आबादी पर एक कर्मचारी की स्थायी भर्ती की जाए।
-ठेकेदारी प्रथा के तहत लगाए गए डोर-टू-डोर के कर्मचारियों को विभाग के पे-रोल पर लिया जाए और उनको पहले से कार्यरत ग्रामीण सफाई कर्मियों के बराबर वेतन और भत्ते दिए जाए।
-साधारण मृत्यु पर मिलने वाले 2 लाख रुपए मुआवजा राशि पर परिवार की 1.80 लाख की शर्त को हटाकर बिना किसी शर्त के यह मुआवजा भुगतान किया जाए।
-ग्रामीण और शहरी क्षेत्र के सफाई कर्मियों के वेतन में मौजूद गैर बराबरी खत्म करते हुए ग्रामीण सफाई कर्मियों को 24000 मासिक वेतन दिया जाए।
-सालाना 10 प्रतिशत वेतन बढ़ोतरी लागू किया जाए। वेतन को महंगाई के आंकड़ों के साथ जोड़ा जाए।
-रेहड़ी मरम्मत, झाड़ू, कस्सी, तसला, फावड़ा समेत काम के औजार तथा मास्क व दस्तानों सहित सुरक्षा।
-उपकरण के लिए 500 रुपए मासिक या 6000 रुपए वार्षिक भत्ता कर्मचारियों को उनके बैंक खातों के माध्यम से भुगतान किया जाए।

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