MP News, श्रावण मास के दूसरे सोमवार को उज्जैन में बाबा महाकाल की सवारी को पुलिस ब्रास बैंड के 350 नव प्रशिक्षित जवान और अधिक भव्यता प्रदान करेंगे। बैंड के द्वारा प्रस्तुत मधुर धुनों से सवारी में उत्साह, उमंग और आकर्षण कई गुना बढ़ जायेगा।
मध्यप्रदेश की सभी पुलिस इकाइयों में पुलिस के जवानों को 6 माह का प्रशिक्षण दिया गया है। इसके साथ ही पुलिस बैंड द्वारा क्षिप्रा तट पर पूजन के समय दत्त अखाड़ा घाट पर भी विशेष प्रस्तुति दी जाएगी।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने पुलिस बैंड की महत्ता पर बल देते हुए हर जिले में पुलिस बैंड की स्थापना और इसके लिए इच्छुक पुलिसकर्मियों को प्रशिक्षण देकर उन्हें बैंड में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित करने के निर्देश दिए थे। उनके निर्देश पर प्रदेश की पुलिस इकाइयों में पुलिस जवानों को बैंड वादन सहित वाद्ययंत्रों का प्रशिक्षण दिया गया।
मध्यप्रदेश पुलिस के गौरवशाली इतिहास का एक महत्वपूर्ण पहलू मध्यप्रदेश पुलिस बैंड रहा है। मध्यप्रदेश पुलिस बैंड की स्थापना वर्ष 1988 में 7वीं वाहिनी, विशेष सशस्त्र बल, भोपाल में की गई थी।
इसके बाद प्रथम वाहिनी इंदौर, 2री वाहिनी विशेष सशस्त्र बल (विसबल) ग्वालियर, 6वीं वाहिनी विसबल जबलपुर और जेएनपीए सागर में पुलिस बैंड की शाखाओं को खोला गया था। वर्तमान में भोपाल, इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर एवं उज्जैन की विसबल इकाइयों में ब्रास बैंड तथा रीवा इकाई में पाइप बैण्ड स्थापित है।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव के निर्देश पर 6 माह के प्रशिक्षण के बाद अब प्रदेश के सभी जिलों में पुलिस बैंड की स्थापना की गई है। इसके साथ ही मुख्यमंत्री डॉ. यादव द्वारा सभी जिलों में स्थापित पुलिस बैंड में विधिवत रूप से भर्तियां किए जाने की भी घोषणा की है।