सांसद मान, कथित तौर पर पुलिस मुठभेड़ में मारे गए गुरुमीत सिंह मान उर्फ काला धनौला के घर पहुंचे शिरोमणि अकाली दल (अमृतसर) के अध्यक्ष और सांसद सिमरनजीत सिंह मान ने उपरोक्त मामले को संदिग्ध बताते हुए उच्च स्तरीय जांच की मांग की है।
परिवार से मुलाकात के बाद पत्रकारों से बात करते हुए एमपी मान ने कहा कि हमारे सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, फर्जी मुठभेड़ में गुरमीत सिंह काला की हत्या की गई है। वह पुलिस की पकड़ में आने वाला पहला व्यक्ति था और यह भी पता चला है कि जब काला धनुला को घेर लिया गया तो उसने दोनों हाथ ऊपर करके आत्मसमर्पण कर दिया, लेकिन पुलिस ने फिर भी कायरता दिखाते हुए उसे गोली मार दी।
उन्होंने कहा कि इस मामले की उच्चस्तरीय जांच होनी चाहिए। सांसद मान ने कहा कि हाल ही में उनकी मुलाकात गुरमीत सिंह काला मान से उनके द्वारा आयोजित रक्तदान शिविर में हुई थी। वह एक नशा विरोधी विचारक थे और परमिंदर सिंह झोटे की तरह उनका विचार गांव-गांव जाकर नशे के खिलाफ जागरूकता पैदा करने का था। मान ने कहा कि जब परमिंदर सिंह झोटे ने नशे के खिलाफ आवाज उठाई तो पुलिस उन्हें भी पकड़कर अंदर ले गई। ऐसे में यह समझ से परे है कि सरकार नशे को खत्म करना चाहती है या नशे को बढ़ाना चाहती है।
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इसके साथ ही सांसद मान ने कहा कि फर्जी मुठभेड़ में युवाओं के मारे जाने की यह पहली घटना नहीं है। इससे पहले जंडियाला, तरतारन और फिरोजपुर के तलवंडी इलाके में भी ऐसे ही फर्जी एनकाउंटर किए गए थे। उन्होंने कहा कि पंजाब की भगवंत मान सरकार भी केंद्र की मोदी सरकार की राह पर चल पड़ी है।
देश व प्रदेश में भय व असुरक्षा के माहौल के कारण हमारे सिख बच्चे सुरक्षित महसूस नहीं कर रहे हैं, जिसके कारण अधिकांश बच्चे विदेशों का रुख कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि देश में हमारे सिखों की सुरक्षा अब खतरे में है और हमें कभी भी मारा जा सकता है लेकिन मैं डरने वाला नहीं हूं क्योंकि अगर मैं मारा गया तो खालिस्तान का भविष्य निकट होगा।