सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि किसान गेंहू की बिजाई के लिये जरुरी डीएपी खाद के लिये दर-दर भटक रहा है। किसान को मंडियों में धान का उचित मूल्य भी नहीं मिल रहा है बल्कि डीएपी खाद किसी कीमत पर भी नहीं मिल रही है। सरकार ने कहा था कि धान खरीद 3100 रुपये में होगी। लेकिन सरकार ने कभी किसानों के हित का संज्ञान नहीं लिया। किसानों को काफी परेशानी उठानी पड़ रही है।
सरकार को तुरंत ध्यान देना चाहिए। पराली प्रदूषण के मुद्दे पर सरकार को किसान विरोधी बताते हुए दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि किसानों पर 2 साल तक मंडियों में फसल बेचने का प्रतिबंध, FIR उचित नहीं है जबकि फैक्ट्रियों से निकलने वाला प्रदूषण पराली से कहीं ज्यादा होता है तो क्या सरकार फैक्ट्रियों पर भी 2 साल तक बिक्री का प्रतिबंध लगा देगी। ये सही नहीं है, सरकार को पराली की समस्या का समाधान निकालना चाहिए। किसानों को इन्सेंटिव देकर इस समस्या को काफी हद तक कम किया जा सकता है।