Tuesday, December 2, 2025
Homeउत्तर प्रदेशयूपी में मदर ओरिएंटेशन को गति, अब मां बनेगी सीख की पहली...

यूपी में मदर ओरिएंटेशन को गति, अब मां बनेगी सीख की पहली आवाज

लखनऊ : बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह के नेतृत्व एवं निर्देशन में उत्तर प्रदेश में बालवाटिका शिक्षा को परिवार की सहभागिता से जोड़ने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पड़ाव हासिल हुआ, जब मंगलवार को मदर ओरिएंटेशन कार्यक्रम को गति देने के लिए राज्यव्यापी ऑनलाइन उन्मुखीकरण आयोजित किया गया। मंगलावर को हुए इस विशेष YouTube सत्र में नोडल SRG, नोडल शिक्षक संकुल, प्रधानाध्यापक, बालवाटिका नोडल अध्यापक, आंगनबाड़ी कार्यकत्री और बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग की सुपरवाइज़र ने सहभागिता की।

इस उन्मुखीकरण का केंद्रीय संदेश स्पष्ट था कि बच्चे की शुरुआती सीख वहीं से शुरू होती है, जहाँ माँ बोलना शुरू करती है और इसी सोच के साथ बालवाटिका शिक्षा में मातृभूमिका को केंद्र में रखकर मासिक मदर ओरिएंटेशन कार्यक्रमों को सशक्त किया जा रहा है। बता दें कि कार्यक्रम के अंतर्गत राज्यभर के को-लोकेटेड आंगनबाड़ी केंद्रों में 3 से 6 वर्ष के बच्चों की प्रारंभिक सीख, भाषा-विकास, पोषण, व्यवहारिक आदतों और घर-आधारित गतिविधियों को परिवार की भागीदारी से व्यवस्थित करने पर विशेष फोकस है।

अभिभावक-विद्यालय साझेदारी की दिशा में बड़ा कदम

फाउंडेशनल स्टेज में सीखने की असमानताओं को कम करने और बच्चों को ‘स्कूल-रेडी’ बनाने में परिवार की भूमिका निर्णायक है। आज का उन्मुखीकरण यह ध्यान में रखकर किया गया कि अब यूपी की प्रारंभिक शिक्षा नीति केवल कक्षाकक्ष तक सीमित नहीं रहे, बल्कि घर और परिवार को भी सीख की यात्रा का सक्रिय सहभागी बना रही है। मना जा रहा है कि इस राज्यव्यापी पहल से उम्मीद है कि आने वाले महीनों में बालवाटिका स्तर पर सीखने का वातावरण और अधिक समृद्ध, सहभागी और प्रभावी रूप में विकसित होगा तथा हर बच्चे को जीवन की पहली सीख एक मजबूत आधार पर मिलेगी।

बालवाटिका-आंगनबाड़ी समन्वय पर विशेष जोर

सत्र में प्रतिभागियों को बालवाटिका और आंगनबाड़ी स्तर पर सीख के माहौल को प्रभावी बनाने और बच्चे की सीखने की प्रक्रिया में परिवार (विशेषकर माँ) के सक्रिय रूप से सम्मिलित होने के बारे में विस्तार से बताया गया। ज्ञातव्य हो कि मासिक ओरिएंटेशन कार्यक्रम इसीलिए तैयार किए गए हैं कि घर-विद्यालय समन्वय मजबूत हो और बच्चे की भाषा, समझ, जिज्ञासा और आत्मविश्वास समान गति से विकसित हों।

प्रशिक्षण में मिली सीख

प्रशिक्षण में मातृभाषा में संवाद, सरल कहानी-कथन, बातचीत, खेल-आधारित गतिविधियों के बारे में विस्तार से बताया गया। यह भी बताया गया कि बच्चों के साथ बिताया गया गुणवत्तापूर्ण समय, फाउंडेशनल लर्निंग की सबसे मजबूत नींव रखते हैं। इसके अलावा प्रतिभागियों को मदर ओरिएंटेशन कार्यक्रम में शामिल किए जाने वाले मुख्य बिंदुओं, गतिविधियों और उनकी चरणबद्ध तैयारी के बारे में विस्तार से निर्देश दिए गए।

को-लोकेटेड आंगनबाड़ी केंद्रों में प्रतिमाह हो रहा है आयोजन

मदर ओरिएंटेशन कार्यक्रम जुलाई 2025 से मार्च 2026 तक प्रदेशभर के सभी को-लोकेटेड आंगनबाड़ी केंद्रों में प्रतिमाह आयोजित किया जा रहा है। इसके लिए नोडल SRG, नोडल शिक्षक संकुल, प्री-प्राइमरी नोडल शिक्षक, आंगनबाड़ी कार्यकत्री और बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग की सुपरवाइजर्स चरणबद्ध प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है ताकि गतिविधियों का संचालन बच्चों और अभिभावकों तक सही रूप में पहुंचे।

माँ की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण : 
मदर ओरिएंटेशन कार्यक्रम प्री-प्राइमरी शिक्षा की गुणवत्ता को परिवार की सहभागिता से जोड़ने का एक प्रभावी माध्यम है। बच्चे की शुरुआती सीख, पोषण और व्यवहार को दिशा देने में माँ की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह पहल पूरे प्रदेश में अभिभावक-विद्यालय साझेदारी को नई मजबूती प्रदान करेगी।- संदीप सिंह, बेसिक शिक्षा मंत्री उत्तर प्रदेश

एक महत्वपूर्ण कदम है

इस सम्बन्ध में महानिदेशक स्कूल शिक्षा, मोनिका रानी का कहना है कि राज्यव्यापी उन्मुखीकरण मदर ओरिएंटेशन कार्यक्रम को प्रभावी बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह पहल माता-बच्चा संवाद, घर-आधारित सीख और बालवाटिका गतिविधियों को मजबूत करेगी तथा को-लोकेटेड आंगनबाड़ी केंद्रों में NEP-2020 की भावना को और अधिक सुदृढ़ करेगी।

RELATED NEWS

Most Popular