Friday, May 30, 2025
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उत्तराखंड में योगा हब बनने से 13 हजार से अधिक लोगों को मिलेगा रोजगार

Uttarakhand Yoga Hub: उत्तराखंड में योग को बढ़ावा देने के लिए बुधवार को हुई कैबिनेट बैठक में योग नीति को मंजूरी दे दी गई है. इसके साथ ही उत्तराखंड योग नीति लागू करने वाला देश का पहला राज्य बन गया है. इसके तहत राज्य सरकार साल 2030 तक नए पांच योगा केंद्र स्थापित करेगी.

Uttarakhand Yoga Hub: 13 हजार से अधिक  नए रोजगार 

योग केंद्रों के बनने से 13 हजार से अधिक नए रोजगार सृजित होंगे. 2,500 योग शिक्षक योग सार्टिफिकेशन बोर्ड से प्रमाणित होंगे. 10 हजार से अधिक योग अनुदेशकों को होम स्टे और होटल में रोजगार मिलेंगे. इससे राज्य में योग और ध्यान केंद्रों को बढ़ावा मिलेगा. पर्वतीय क्षेत्रों में नए स्थापित होने वाले केंद्रों को परियोजना लागत का 50 प्रतिशत, अधिकतम 20 लाख रुपये और मैदानी क्षेत्रों में 25 प्रतिशत या अधिकतम 10 लाख का अनुदान दिया जाएगा. एक साल में कुल मिलाकर 5 करोड़ रुपए तक का अनुदान दिया जाएगा.

योग केंद्र खोलने को विशेष प्रथामिकता 

नए योग हब के रुप में विकसित किए जाने वाले क्षेत्रों में योग केंद्र खोलने वालों को विशेष प्रथामिकता दी जायेगी.  योग, ध्यान और प्राकृतिक चिकित्सा के क्षेत्र में शोध को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार की ओर से 10 लाख प्रति परियोजना का अनुदान दिया जाएगा. यह सुविधा राज्य के विश्वविद्यालयों, अनुसंधान संस्थानों, स्वास्थ्य संगठनों, आयुष संस्थाओं और एनजीओ के लिए होगी. योग नीति के तहत हर साल 5 करोड़ रुपए तक का अनुदान मिलेगा.

मौजूदा संस्थानों में भी योग को बढ़ावा देने की व्यवस्था 

सरकार की ओर से नीति में मौजूदा संस्थानों में भी योग को बढ़ावा देने की व्यवस्था की है. इसके अंतर्गत राज्य में पहले से चल रहे होम स्टे, रिसार्ट, होटल, स्कूल व कालेज में योग केंद्र स्थापित करने की स्थिति में यहां तैनात होनेे वाले अनुदेशकों को प्रति सत्र 250 रुपये तक की प्रतिपूर्ति की व्यवस्था की है. हर केंद्र में एक अनुदेश के लिए प्रति माह 20 सत्रों की प्रतिपूर्ति की जाएगी.

5 सालों में 35 करोड़ रुपए का खर्च 

नीति के सफल क्रियान्वयन के लिए  5 सालों में 35 करोड़ रुपए तक का खर्च आएगा. इससे योग केंद्रों को 25 करोड़, रिसर्च को 1 करोड़ और शिक्षक प्रमाणन को 1.81 करोड़ रुपए दिए जायेंगे. मौजूदा संस्थानों में योग केंद्रों के संचालन के लिए 7.5 करोड़ रुपए का खर्च आएगा.

इस नीति के तहत सरकार योग और प्राकृतिक चिकित्सा निदेशालय की स्थापना करेगी. यह निदेशालय इस नीति के संचालन, नियमन, अनुदान वितरण और विभिन्न गतिविधियों की निगरानी करेगा. निदेशालय में एक निदेशक, संयुक्त निदेशक, उपनिदेशक, योग विशेषज्ञ, रजिस्ट्रार और अन्य स्टाफ शामिल होंगे.

 

 

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