Chinese Kali Temple: आमतौर पर तमाम मंदिरों में प्रसाद के रुप में मिठाईयां, लड्डू, खीर या फिर मेवे का भोग लगाया जाता है. लेकिन आज हम आपको एक ऐसे मंदिर के बारें में बताने जा रहे हैं जहां प्रसाद के रुप में देवी को मोमोज और नूडल्स चढ़ाया जाता है. ये मंदिर कोलकाता में स्थित है जिसे चाइनीज काली मंदिर के नाम से जाना जाता है. यह मंदिर ना केवल धार्मिक मान्यताओं बल्कि अपनी वास्तुकला के लिए भी प्रसिद्ध है. नियमित रुप से श्रद्धालु इस मंदिर में आते हैं.
चाइनीज काली मंदिर (Chinese Kali Temple) की कहानी
कहते हैं कि सालों पहले एक लड़का बहुत बीमार हो गया. उसके ठीक होने की डॉक्टरों ने सारी उम्मीदें छोड़ दी थी. ऐसे में बच्चे के माता-पिता काफी परेशान रहने लगे थे. बच्चे के जल्द ठीक हो जाने के लिए वह जगह-जगह जाकर मंदिरों में माथा टेक रहे थे. इसी दौरान बच्चे के माता-पिता एक ऐसे स्थान पर गए, जहां एक पेड़ के नीचे दो काले पत्थर थे. लोग इन पत्थरों को काली के रूप में पूजा रहे थे. यहां आकर उन्होंने कई दिनों तक बेटे के ठीक होने के लिए काली माता से प्रार्थना की और फिर चमत्कारिक रुप से उनका बेटा ठीक हो गया. इस चमत्कार से प्रभावित होकर लड़के के माता-पिता ने काली की पूजा करना शुरू कर दिया. इसके बाद बंगाली और चीनी समुदाय के लोगों ने इस स्थान पर काली माता मंदिर का निर्माण कराया था. तभी से ही इस मंदिर को चीनी काली मंदिर के नाम से जाना जाता है.
मां काली को चढ़ाया जाता है चाइनीज खाना
चीन में छिड़े गृह युद्ध के दौरान कई चीनी शरणार्थी कोलकाता में आकर बस गए थे. ये चाइनीज लोग अपने साथ-साथ अपनी संस्कृति और परंपराएं लेकर आए, जिनमें देवी-देवताओं को विशेष भोजन चढ़ाने की परंपरा भी शामिल थी. चीनी काली मंदिर में चीनी शरणार्थी ने मां काली को नूडल्स चढ़ाना शुरू कर दिया, जिसने धीरे-धीरे करके मंदिर के प्रसाद के तौर पर जगह ले ली. अब इस मंदिर में मां काली को मोमोज और नूडल्स ही चढ़ाया जाता है.