Moga news, मोगा नगर निगम के मेयर बलजीत सिंह चन्नी ने एक मामले में न्याय दिलाने में पुलिस की विफलता पर नाराजगी व्यक्त की है। मेयर का कहना है कि उन्होंने एक एमसी के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी, लेकिन चार महीने बीत जाने के बावजूद पुलिस ने मामले में कोई कार्रवाई नहीं की है। इसके विरोध में उन्होंने नौकरशाही के खिलाफ सोशल मीडिया पर पोस्ट कर अपनी नाराजगी जाहिर की है।
बलजीत सिंह चन्नी ने ज़ी मीडिया से बात करते हुए कहा कि उन्होंने एसएसपी मोगा को एक याचिका दी थी, जिसमें उन्होंने पुलिस से अनुरोध किया कि एक एमसी उनकी छवि खराब करने की कोशिश कर रहा है. आवेदन को एसएसपी मोगा ने डीएसपी सिटी को मार्क कर दिया था, लेकिन चार महीने बीत जाने के बाद भी इस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। उन्होंने कहा कि अगर अधिकारी मेयर की बात नहीं सुनते तो आम लोगों की बात कैसे सुनेंगे? इसी के विरोध में उन्होंने यह पोस्ट डाली थी।
यह पोस्ट 22 जनवरी को सोशल मीडिया पर पोस्ट की गई थी।
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ये हमारे अफसरों का काम है, उनकी जिम्मेदारी नहीं है। किसी की प्रतिष्ठा धूमिल हो सकती है। मेयर की प्रतिष्ठा धूमिल हो सकती है। MLA साहब की, लेकिन अफसरों को कोई परवाह नहीं। 1 बजे वाली ट्रेन का सॉफ्टवेयर खराब हो गया होगा कर्मचारी भले ही वहां फंस गया हो, लेकिन 5 बजे तक कोई अधिकारी वहां नहीं पहुंचा। अगर मेयर अकेले ही यह काम कर दें तो कितनी शर्म की बात होगी।
मौके पर जाकर पहले गाड़ी को जाम से निकलवाओ, फिर कंपनी को भेजो, वो कहते हैं सुबह मिल जाएगी। मैंने कहा आज चाहिए, मैंने पहले सॉफ्ट जॉइंट लगवाने का जिम्मा लिया फिर मैं खुद कंपनी गया और गाड़ी ठीक करवाकर कल से लोगों की सेवा में लग जाऊंगा। मुझे समझ नहीं आता। मुझे आश्चर्य है कि अधिकारी वेतन मिलने के बाद भी काम क्यों नहीं करते। मुझे शर्म आती है। कुछ लोगों को यह लिखते हुए बुरा लगेगा।
जब उनके सिर में पानी आने लगेगा, तो उन्हें यह कहना पड़ेगा। फिर वे कहेंगे, “मेयर बुरा है। क्या मैंने यह काम करके कुछ गलत किया?” इसमें फर्क है… इससे कोई फर्क नहीं पड़ता, आपको सिर्फ जिम्मेदारी समझने की जरूरत है, शाम 5 बजे गाड़ी कंपनी में भेजकर काम कराना है या शाम 7 बजे गाड़ी नगर निगम में भेजकर काम कराना है।