Saturday, June 7, 2025
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दिल्ली में ‘पूसा कृषि विज्ञान मेला’ का मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने किया उद्घाटन, बोले- खेती की आत्मा है किसान

नई दिल्ली: केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण और ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शनिवार को भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (आईएआरआई) द्वारा आयोजित तीन दिवसीय “पूसा कृषि विज्ञान मेला 2025” का उद्घाटन  किया।

‘खेती की आत्मा है किसान’

अपने भाषण के दौरान शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि कृषि भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ है, खेती की आत्मा किसान है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी का संकल्प पूरा करने के लिए लगातार कृषि के क्षेत्र में हम काम कर रहे हैं। मैं भी किसान हूं, मेरे खेत में कद्दू लगा है, शिमला मिर्च भी है और टमाटर भी है। जब क्रॉप बम्पर आती है तो कीमतें कई बार गिरती हैं। मैं फूलों की खेती भी करता हूं, गेहूं और धान की खेती भी करता हूं। मैं ऐसा किसान नहीं हूं कि मंत्री हूं तो साहब बन गया हूं, मैं महीने में दो बार अपने खेत में पहुंचने की कोशिश करता हूं।

शिवराज सिंह चौहान ने ICAR को बधाई देते हुए कहा कि आज जो किस्में दिखाई हैं, वो अपने आप में बड़ी उपलब्धि है। वैज्ञानिक दिन रात परिश्रम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमारी 6 सूत्रीय रणनीति है।

‘हमारी 6 सूत्रीय रणनीति है’

नंबर एक है उत्पादन बढ़ाना, उत्पादन बढ़ाने के लिए सबसे प्रमुख चीज है अच्छे बीज। अच्छे बीज की वैरायटी बनाने का काम ICAR कर रही है। हम कोशिश कर रहे हैं कि कैसे अच्छे बीज किसानों तक पहुंचे। ब्रीडर सीड, फाउंडेशन सीड के लिए हम तरीका निकालें कि कैसे वो किसान तक पहुंचे।

बीज पहुंचाने के लिए विज्ञान और किसान को जोड़ना पड़ेगा। लैब टू लैंड, यह हमने एक प्रयोग शुरू किया है आधुनिक कृषि चौपाल। उन्होंने ICAR को निर्देशित किया कि इस काम को अपने हाथ में ले ले। अगले महीने से आधुनिक कृषि चौपाल ICAR करेगा।

शिवराज सिंह ने बताया कि दूसरा प्रमुख काम है उत्पादन लागत घटाना। उत्पादन बढ़ने से लागत घटती है। इस संबंध में कई योजनाएं भी हैं। उन्होंने बताया कि 24 फरवरी को प्रधानमंत्री जी भागलपुर में किसान सम्मान निधि के तहत किसानों के खाते में राशि भेजेंगे।

इस अवसर पर केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री  रामनाथ ठाकुर, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) के महानिदेशक डॉ. हिमांशु पाठक, आईएआरआई के निदेशक डॉ. सी.एच. श्रीनिवास राव, उप महानिदेशक डॉ. डी.के. यादव सहित अन्य अधिकारी-कर्मचारी और बड़ी संख्या में किसान भाई-बहन, कृषि वैज्ञानिक, कृषि उद्यमी, स्टार्टअप के प्रतिनिधि, खाद्य प्रसंस्करणकर्ता आदि उपस्थित रहे।

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