Saturday, May 11, 2024
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मौसम विभाग की चेतावनी, मई में सावन जैसी बारिश, लेकिन जून में रूठ जाएगा मॉनसून

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हरियाणा में सामान्य से कम बारिश का सबसे ज्यादा असर 15 जून से धान की रोपाई पर पड़ेगा। प्रदेश में इस बार 12 से 15 लाख हेक्टेयर में धान की बुवाई होनी है। बारिश कम होने के कारण लक्ष्य कम या देरी से होगा।

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रोहतक। मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि हरियाणा में अभी मई में सावन जैसी बारिश हो रही है लेकिन जून में बहुत कम बारिश होगी। IMD ने कहा है कि इस साल हरियाणा में मॉनसून के दौरान 92% यानी सामान्य से कम बारिश के आसार हैं। मौसम विभाग के अनुसार इस साल मॉनसून सामान्य रहेगा। जून से सितंबर तक के चार महीनों में इस बार 96% बारिश के आसार हैं। इस दौरान देश में 87 सेंटीमीटर बारिश होती है। देश में 96 से 104% बारिश को सामान्य माना जाता है।

हरियाणा के लोगों को चार दिन और गर्मी से राहत मिलेगी। मौसम विभाग ने 31 मई तक राज्य में बारिश की संभावना जताई है। जून की शुरुआत तक नौतपा में अधिकतम तापमान बढ़ने लगेगा। इसका कारण यह भी है कि इस बार जून में मौसम विभाग सामान्य से कम बारिश की संभावना जता रहा है। हरियाणा में धान के किसान सबसे ज्यादा प्रभावित होंगे। बारिश कम होने से धान की रोपाई पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा हालांकि मई में अच्छी बारिश के कारण बुआई का रकबा पिछले साल के मुकाबले बढ़ा है।

हरियाणा में अगले 5 दिन का अलर्ट

हरियाणा की जनता पर यह सीजन मेहरबान रहा है। मई महीने की ही बात करें तो राज्य में 1 मई से 26 मई तक 26 मिमी बारिश हुई है जो सामान्य से 71% ज्यादा है। आम तौर पर मई में सामान्य बारिश का 15.2% बारिश होती है, हालांकि, मौसम विभाग ने जून में बारिश कम होने की संभावना जताई है। मौसम विभाग के मुताबिक, इस बार जून में सामान्य से 92 फीसदी कम बारिश होगी।

हरियाणा में सामान्य से कम बारिश का सबसे ज्यादा असर 15 जून से धान की रोपाई पर पड़ेगा। प्रदेश में इस बार 12 से 15 लाख हेक्टेयर में धान की बुवाई होनी है। बारिश कम होने के कारण लक्ष्य कम या देरी से होगा। हालांकि, अच्छी खबर यह है कि जून में कम बारिश की भरपाई आने वाले महीनों में कर दी जाएगी। जून में पारा 45 के पार जाएगा, इसकी वजह कम बारिश होगी। मौसम विभाग का कहना है कि इस बार अधिकतम पारा सामान्य से 1 फीसदी तक बढ़ने की संभावना है। भीषण गर्मी से बचने के लिए मौसम विभाग पहले ही गाइड लाइन जारी कर चुका है। विभाग की ओर से बच्चों और बुजुर्गों को घर में रहने की सलाह दी गई है।

खास बात यह कि मौसमी घटना अल नीनो के आसार के बावजूद भारत में दक्षिण-पश्चिम मॉनसून सामान्य रहने की उम्मीद है, जो तीन साल बाद लौट रहा है। अल नीनो की घटना में भूमध्यरेखीय प्रशांत महासागर की सतह गर्म होती है और मॉनसून कमजोर पड़ता है। मौसम विभाग के मुताबिक, मॉनसून में अल नीनो की संभावना 90% से ज्यादा है। खेतीप्रधान ज्यादातर हिस्सों में मॉनसून सामान्य रहने के आसार हैं।

मौसम विभाग ने जून में देश के ज्यादातर हिस्सों में सामान्य से कम बारिश का अनुमान जताया है। बारिश की इस कमी से जून का महीना सामान्य से ज्यादा गर्म भी रहेगा। उत्तर-पश्चिमी भारत में मॉनसून के दौरान सामान्य से कम बारिश (92%) की आशंका है। दक्षिणी प्रायद्वीपीय इलाकों, उत्तर भारत और पूर्वोत्तर के कुछ हिस्सों में सामान्य से ज्यादा बारिश की उम्मीद है। इस कारण से इन इलाकों में तापमान भी सामान्य से कम रह सकता है। केरल में मॉनसून के दस्तक देने की सामान्य तारीख 1 जून है, लेकिन मौसम विभाग ने बताया कि इस बार वहां मॉनसून 4 जून को दस्तक दे सकता है। पिछले साल केरल में यह 29 मई को पहुंचा था।

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