इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय (MeitY) देश में बढ़ रहे ऑनलाइन स्कैम्स पर लगाम लगाने के लिए सक्रिय है। इसी कड़ी में मंत्रालय ने मेटा से कहा है कि वह व्हाट्सऐप पर हो रहे स्कैम्स को रोकने के लिए ठोस कदम उठाए। MeitY के सचिव एस. कृष्णन ने एक बयान में कहा कि मंत्रालय ने मेटा के सामने स्कैम्स का मुद्दा रखा है और इसे लेकर लगातार काम जारी है। उन्होंने कहा, “स्कैमर्स हर दिन नए-नए तरीके अपना रहे हैं, जिससे आम जनता परेशान हो रही है।”
2014 में मेटा ने खरीदा था WhatsApp
व्हाट्सऐप पर स्कैम्स के बढ़ते मामलों को लेकर MeitY ने मेटा से बात की है, जो 2014 में इस मैसेजिंग ऐप को 19 बिलियन डॉलर में खरीदी थी। एस. कृष्णन ने कहा कि कई स्कैमर्स इंस्टेंट मैसेजिंग और वॉयस-ओवर-आईपी सर्विस का इस्तेमाल कर रहे हैं। मंत्रालय ने मेटा के अधिकारियों के साथ इस मामले पर चर्चा की है और व्हाट्सऐप को स्कैम्स पर रोक लगाने के लिए जरूरी कदम उठाने को कहा है।
डिजिटल फ्रॉड के खिलाफ सरकार की पहल
सरकार ऑनलाइन फ्रॉड रोकने के लिए लगातार कदम उठा रही है। गृह मंत्रालय के अधीन कार्यरत I4C ने अब तक डिजिटल फ्रॉड के हजारों मामलों की पहचान की है और 59,000 से अधिक अकाउंट्स को बैन किया है। MeitY के अनुसार, डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर कंटेंट मॉडरेशन के लिए कंपनियों के पास ग्रीवांस ऑफिसर और शिकायत समाधान प्रक्रिया होनी चाहिए।
CERT-In की वॉर्निंग: स्मार्टफोन यूजर्स रहें सतर्क
इसी बीच, CERT-In (इंडियन कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पांस टीम) ने स्मार्टफोन यूजर्स को ऑनलाइन फ्रॉड्स से बचने के लिए सतर्क रहने की सलाह दी है। CERT-In ने हाल ही में कहा था कि एंड्रॉयड यूजर्स को अपने डिवाइस को समय पर अपडेट कर सिक्योरिटी खामियों से बचना चाहिए।
सरकार और MeitY के इन प्रयासों का उद्देश्य ऑनलाइन फ्रॉड और व्हाट्सऐप स्कैम्स पर लगाम लगाना है, ताकि डिजिटल स्पेस को सुरक्षित बनाया जा सके।