क्या मरने के बाद भी कोई प्रियजनों से मुलाकात कर सकता है। ये सुनने में बड़ा अजीब है आज विज्ञान के इस दौर में शायद कोई इस बात पर यकीन भी नहीं करेगा। लेकिन डॉ ब्रूस ग्रेसन ने दावा किया है कि मरने के बाद लोग अपने उन प्रियजनों से मिल सकते हैं जिनकी मौत कई सालों पहले ही हो गई थी। डॉ ब्रूस ग्रेसन ने ये दावा उन मरीजों के आधार पर किया है जो बिल्कुल मौत के करीब जा चुके हैं।
50 सालों से रिसर्च में लगे हुए हैं डॉ ब्रूस ग्रेसन
डॉ ब्रूस ग्रेसन बीते 50 सालों से इस रिसर्च में लगे हुए हैं। उनका शोध अभी भी बाकी है। डॉ ब्रूस ने दावा किया है कि साल 1970 में मौत के करीब जा चुके मरीजों से बातों के आधार पर उन्हें ये एहसास हो गया था कि मौत के बाद ही कोई जिंदगी होती है, हालांकि अभी इसके बारे में बहुत कुछ नहीं कहा जा सकता। डॉ ने बताया कि इंटर्न के तौर पर जब उनका पहला ही दिन था तब एक महिला जो कॉमा में थी। उसके साथ एक सहेली भी थी, जिससे मैंने हॉल में बातचीत की थी। वहां से कॉमा में पड़ी महिला कुछ भी नहीं सुन सकती थी, लेकिन जब वह अगले दिन होश में आई तो वह मेरे बारे में सब जानती थी, उसने उस बातचीत के बारे में भी बताया जो सिर्फ मैंने उसकी सहेली से की थी। महिला ने दावा किया कि बातचीत के वक्त वह मेरे आसपास ही थी।
लोग अपने उन प्रियजनों से मिल लेते हैं जो मर चुके हैं
मौत के करीब-करीब पहुंच जाना विज्ञान का वो टर्म है जिसमें इंसान मौत के बाद जिंदा हो जाता है। कई बार ऐसा होता है कि इंसान को मरा हुआ घोषित कर दिया जाए, लेकिन वह कुछ देर बाद जीवित हो उठता है। ऐसी अवस्था में लोग अपने उन प्रियजनों से मिल लेते हैं जो मर चुके हैं। ये अन्य पैरानॉर्मल गतिविधियों को महसूस करते हैं। अपने जीवन की समीक्षा करते हैं और कई बार जीवन में वापस आने का निर्णय ले लेते हैं या फिर अपनी इच्छा के विरुद्ध वापस भेज दिए जाते हैं।
प्रभावित लोगों ने डॉ ब्रूस को बताया कि मरते वक्त लोग बहुत ही सरल और खुद को तकलीफ से मुक्त महसूस करते हैं। वह यह देखने में सक्षम होते हैं कि कैसे आत्मा उनके शरीर को छोड़ रही है। उस वक्त दिमाग सामान्य से बहुत तेज अवस्था में काम करता है। ऐसा लगता है कि आत्मा को किसी अंधेरी सुरंग में खींचा जा रहा है। इसके अंत में एक रोशनी होती है, जहां हम अपने मर चुके प्रियजनों से मिलते हैं। यहां हमें शांति की अनुभूति होती है। लोग अपने जीवन भर की घटनाओं की समीक्षा भी कर सकते हैं।