रोहतक। रोहतक जंक्शन के प्लेटफार्म नंबर एक पर चल रहे रेलवे मेल सर्विस कार्यालय का भवन जर्जर हो चुका है। रेलवे द्वारा इस जर्जर भवन को तोड़ने की कवायद शुरू कर दी गई है। क्योंकि इसकी हालत बहुत ही खराब थी। जिससे हादसा होने की आशंका भी बनती जा रही थी। रेलवे की ओर से वर्ष 1985 में डाक विभाग को यह भवन किराये पर दिया गया था। इस बिल्डिंग को तोड़ने के लिए डाक विभाग को खाली करने का अंतिम नोटिस दिया गया था। जिसके बाद रेलवे की मेल सेवा के लिए काम करने वाले 80 कर्मचारियों को जंक्शन से मुख्य डाकघर में शिफ्ट किया गया है।
मुख्य डाकघर में पहले से 100 कर्मचारी काम कर रहे हैं उस पर 80 कर्मचारियों के और आ जाने से जगह की कमी हो गई। जिससे स्टाफ 180 का हो गया।कमरे तोड़कर हॉल बनाने के बाद भी कर्मचारियों को बैठने के लिए जगह नहीं मिली। वहीं अव्यवस्था के चलते डाक पहुंचने का काम लेट हो रहा है। आपको बता दें रेलवे की मेल सेवा का काम करने के लिए जंक्शन पर कर्मचारियों को 5 कमरों की बिल्डिंग दी गई थी। इसका किराए बढ़ते हुए करीब 60 लाख रुपए हो गया। इस पर पोस्टल विभाग ने मेल सेवा के कर्मचारियों को प्रधान डाकघर में शिफ्ट कर दिया।
मुख्य डाक घर में स्पेस कम पड़ने पर पिछले सप्ताह डाकघर कार्यालय के 3 कमरों को तोड़कर एक हॉल में तब्दील किया गया। फिर भी कर्मचारियों के बैठने की जगह नहीं बन पाई है। पोस्टमैन के बैठने तक की जगह नहीं रह गई है। वह खड़े होकर ही डाक का काम कर रहे हैं। जिससे डाक पहुंचने में एक दिन तक की देरी हो रही है। जबकि यहां से प्रतिदिन 8 से 10 हजार डाक अलग-अलग क्षेत्रों में बांटी जाती हैं।
इसके अलावा मेल सेवा के बंडलों से परिसर में आमजन के खड़े होने की जगह नहीं बच गई है। मेल सेवा का काम 24 घंटे होने के कारण पार्टीशन में काम करने का भी विकल्प नहीं है। मेल सेवा के लिए प्रदेश के सभी जिलों से गाड़ियों का आवागमन होता है। इसलिए दिनभर गाड़ी को मोड पाने की जगह नहीं बचती। इसमें पासपोर्ट, आधार कार्ड, पोस्टल कार्ड आदि लेने के लिए पहुंचने वालों को अपने काम कराने के लिए इंतजार करना पड़ रहा है।
बता दें मुख्य डाकघर में प्रतिदिन एक करोड से दो करोड रुपए तक का लेनदेन होता है। इसमें रुपए निकालने और जमा करने वाले लोगों की संख्या प्रतिदिन बनी रहती है। फिलहाल स्पेस की कमी के कारण आमजन की परेशानी बढ़ गई है। पिछले दिनों में डाकघर के कर्मचारियों ने इस व्यवस्था का विरोध किया था, लेकिन विभाग ने सख्ती की और इसी व्यवस्था में काम नहीं करने पर कार्रवाई की चेतावनी दे डाली। इस पर कर्मचारी खामोश हो जाने पर मजबूर हो गए हैं। लेकिन इस हालातों में आमजन की मुश्किलें बढ़ गई हैं। इस मामले में डाकघर के सुपरिटेंडेंट तिलकराज ने कहा कि हमें जो ऊपर से आदेश मिले हैं, उसी के अनुसार काम किया जा रहा है।