रोहतक : महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय (Maharshi Dayanand University Rohtak) को भारत सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय की ओर से-प्रमोशन ऑफ यूनिवर्सिटी रिसर्च एंड साइंटिफिक एक्सीलेंस (पर्स) स्कीम के तहत 6.42 करोड़ रुपए के वित्तीय अनुदान के लिए चुना गया है।
शुक्रवार को राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के उपलक्ष्य में नई दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित समारोह में केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री डा. जितेन्द्र सिंह ने एमडीयू कुलपति प्रो. राजबीर सिंह को स्मृति चिन्ह तथा पर्स मोमेंटो देकर सम्मानित किया। इस अवसर पर डीन, एकेडमिक एफेयर्स प्रो. ए.एस. मान, एमडीयू पर्स समन्वयक प्रो. सपना गर्ग, निदेशक आईक्यूएसी प्रो. बी. नरसिम्हन, पर्स टीम सदस्य डा. अनिल ओहल्याण साथ रहे।
पूरे भारत में केवल 9 विश्वविद्यालय शामिल
गौरतलब कि पूरे भारत में पर्स वैज्ञानिक शोध प्रोत्साहन स्कीम के लिए चयनित नौ विश्वविद्यालयों में से एमडीयू शामिल है। इस महत्वपूर्ण शोध परियोजना के तहत पदार्थ विज्ञान क्षेत्र में इंटरडिसीप्लीनरी वैज्ञानिक शोध कार्य किया जाएगा।
एमडीयू कुलपति प्रो. राजबीर सिंह ने भारत सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय का एमडीयू को इस महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट हेतु चयन करने के लिए आभार जताया। कुलपति ने कहा कि एमडीयू में उत्कृष्ट रिसर्च इको-सिस्टम विकसित किया जा रहा है। यह शोध अनुदान शोध के नए आयाम तय करेगी। कुलपति ने कहा कि टीम एमडीयू शैक्षणिक तथा शोध उपलब्धियों की नई ऊंचाइयां तय करने के लिए निरंतर प्रयासरत है।
एमडीयू का एनआईआरएफ 2025 रैंकिंग में 35वां स्थान
कुलपति ने पर्स टीम समन्वयिका प्रो. सपना गर्ग और उनकी टीम के सदस्यों को हार्दिक बधाई दी। कुलपति ने कहा कि एमडीयू का एनआईआरएफ 2025 रैंकिंग में 35वां स्थान है। इस उपलब्धि में एमडीयू की शोध संबंधित उपलब्धियों का विशेष योगदान है। एमडीयू ने प्रगतिशील रिसर्च प्रोमोशन पॉलिसी बनाकर शोध को बढ़ावा देने का विशेष प्रयास किया है।
गौरतलब है कि एमडीयू पर्स टीम के सदस्य हैं- केमिस्ट्री विभाग से प्रो. सपना गर्ग, फिजिक्स विभाग से प्रो. राजेश पूनिया, फार्मेसी विभाग से प्रो. बी. नरसिम्हन, केमिस्ट्री से डा. नवीन कुमार, फिजिक्स से डा. सज्जन सिंह व डा. अनिल ओहल्याण, मैकेनिकल इंजीनियरिंग, यूआईईटी से डा. दीपक छाबड़ा तथा डा. प्रदीप गहलोत।
उल्लेखनीय है कि इस ग्रांट के तहत वैज्ञानिक उपकरण, औद्योगिक शोध सहभागिता, वैज्ञानिक कार्यशाला तथा संगोष्ठी आयोजन, परियोजना सहायक अनुबंध आदि के लिए अनुदान राशि आवंटित की गई है।