बरनाला की अनाज मंडी में गैर राजनीतिक संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा एक भव्य महा किसान रैली आयोजित की गई। इस रैली के दौरान जहां केंद्र सरकार पर वादा खिलाफी का आरोप लगाया गया, वहीं दिल्ली में नया मोर्चा निकालने का भी ऐलान किया गया। इस किसान रैली में हजारों की संख्या में किसान शामिल हुए। इस रैली को पंजाब और हरियाणा के विभिन्न किसान नेताओं ने संबोधित किया। एमएसपी समेत अन्य मानी गई मांगों को फसलों पर लागू कराने के लिए किसान संघर्ष की तैयारी में जुट गए हैं।
इस मौके पर बातचीत करते हुए किसान नेता अभिमन्यु कोहाड़ और सरवन सिंह पंधेर ने कहा कि किसान कानून खत्म होने पर केंद्र सरकार ने संयुक्त किसान मोर्चा से एमएसपी समेत कई अन्य मांगों को पूरा करने का वादा किया था, जो अब तक पूरा नहीं हुआ है। 2013 में जब केंद्र में कांग्रेस की सरकार थी, तब किसान संगठनों ने दिल्ली के जंतर-मंतर पर अपनी मांगों को लेकर संघर्ष किया था, जिसे देने का वादा किया गया था, लेकिन 10 साल तक केंद्र में बीजेपी की सरकार रहने के बावजूद डॉ. स्वामीनाथन की रिपोर्ट लागू नहीं की गई।
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उन्होंने कहा कि इसके अलावा किसान आंदोलन खत्म होने के बाद किसानों पर दर्ज मुकदमे वापस नहीं लिए गए। यूपी के लखीमपुर खीरी मामले में न्याय की मांग पूरी नहीं हुई है। बिजली संशोधन बिल को रद्द करने की मांग की गई। इसके अलावा केंद्र सरकार ने अन्य मांगों को पूरा करने का वादा किया था, लेकिन सरकार अपने वादे से मुकर गई है, जिसके चलते किसान संगठन एक बार फिर एकजुट होकर अपनी मांगों को पूरा कराने के लिए दिल्ली संघर्ष की तैयारी कर रहे हैं।
किसान नेताओं ने कहा कि दिल्ली संघर्ष के अंत में केंद्र सरकार इस भ्रम में थी कि किसान संगठन अलग हो गए हैं, लेकिन हम केंद्र सरकार को दिखाना चाहते हैं कि किसान संगठन अपनी मांगों को लेकर फिर से एकजुट हो गए हैं। इसी वजह से आज उत्तर भारत के 18 किसान संगठनों की दूसरी बड़ी महापंचायत बरनाला की अनाज मंडी में हो रही है। इससे पहले एक और बड़ी किसान महापंचायत हो चुकी है।