बहादुरगढ़। टीकरी बॉर्डर किसानों को दिल्ली कूच को रोकने के लिए सील कर दिया गया है। इसके चलते बॉर्डर से लेकर सेक्टर 9 मोड़ तक अधिकतर दुकानें बंद हैं। टीकरी बॉर्डर पर 5 पेट्रोल और सीएनजी पंप स्थित हैं। पांच पेट्रोल और सीएनजी पंप पर चार दिनों में सवा दो करोड़ से ज्यादा का नुकसान हो चुका है। वहीं बहादुरगढ़ में सेक्टर-9 मोड़ से टीकरी बॉर्डर तक की दोनों तरफ की दुकानदारों का कारोबार ठप हो गया है।
पेट्रोल और सीएनजी पंप पड़े सुनसान
टीकरी बॉर्डर पर पंप बंद होने से प्रतिदिन सवा दो करोड़ से ज्यादा का नुकसान संचालकों को हो रहा है। साथ ही पेट्रोल पंप पर काम करने वाले कर्मचारियों को भी अपना रोजगार बंद होने की चिंता सताने लगी है। पेट्रोल पंप खाली पड़े रहते हैं। बता दें टीकरी बॉर्डर पर दोनों तरफ मिलाकर पांच पेट्रोल और सीएनजी पंप हैं। एक पेट्रोल पंप पर काम करने वाले रिंकू सिंह और विक्की ने बताया कि यहां अब कोई भी गाड़ियां नहीं आ रही हैं। कर्मचारी पूरे दिन खाली खड़े रहते हैं।
हर रोज लाखों का नुकसान
पेट्रोल पंप मालिक को लाखों रुपये का नुकसान उठाना पड़ रहा है तो यहां काम करने वाले कुछ मजदूर को भी वापस भेज दिया गया है। कर्मचारियों को अपने काम धंधे की चिंता सताने लगी है। किसान आंदोलन कितना लंबा चलता है। इसका कोई अंदाजा नहीं है। उन्होंने कहा कि पिछली बार भी सवा साल तक पेट्रोप पंप बंद होने के कारण मालिक को करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ था। बाद में जब आंदोलन खत्म हुआ और पंप को चालू किया गया तो उसे ठीक करने में भी लाखों रुपये खर्च करने पड़े थे।
प्रतिदिन पांच लाख रुपये की गैस बिक्री
पेट्रोल पंप संचालकों का कहना है कि सड़क पूरी तरह बंद कर देना कहीं से भी समस्या का समाधान नहीं है। सरकार और किसानों को बैठकर बात करनी चाहिए। इसका हल निकालना चाहिए। रास्ते बंद होने के कारण आम लोगों को अधिक परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। गौरतलब है कि पंपों आम दिनों में भीड़ लगी रहती थी। अब ये सूने पड़े हैं।
पेट्रोल पंप पर काम करने वाले कर्मचारियों ने बताया कि एक पंप पर प्रतिदिन पांच लाख रुपये की गैस बिक्री होती थी। जबकि चार लाख रुपये डीजल और पेट्रोल बिकता था, लेकिन चार दिनों से मशीनें ठप पड़ी हैं। कुल मिलाकर टीकरी बॉर्डर पर स्थित पांच पंपों पर प्रतिदिन 45 लाख रुपये का कारोबार होता था।