Wednesday, August 20, 2025
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रोहतक जिला जेल में लोक अदालत आयोजित: चार मुकदमों की हुई सुनवाई, तीन बंदी किए गए रिहा

रोहतक  : जिला एवं सत्र न्यायाधीश नीरजा कुलवंत कलसन के मार्गदर्शन में सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा स्थानीय जिला जेल में इस माह की दूसरी जेल लोक अदालत का आयोजन किया गया। इस जेल लोक अदालत में चार मुकदमों की सुनवाई की गई तथा तीन बंदियों को रिहा किया गया।
प्राधिकरण की सचिव एवं सीजेएम डॉ. तरन्नुम खान की अध्यक्षता में आयोजित जेल लोक अदालत में कुल 4 मुकदमों की सुनवाई की गई तथा तीन बंदियों को रिहा किया गया। सीजेएम डॉ. तरन्नुम खान ने बताया कि अगस्त माह की पहली जेल लोक अदालत में कुल तीन मुकदमों की सुनवाई की गई थी, जिनमें दो बंदियों को रिहा किया गया था। इस तरह इस महीने में कुल सात मुकदमों की सुनवाई की गई, जिनमें पांच बंदियों को रिहा किया गया।
13 सितम्बर को कोर्ट परिसर में आयोजित होगी राष्ट्रीय लोक अदालत : सीजेएम डॉ. तरन्नुम खान
प्राधिकरण की सचिव एवं सीजेएम डॉ. तरन्नुम खान ने कहा कि प्राधिकरण द्वारा आगामी 13 सितंबर 2025 को स्थानीय कोर्ट परिसर में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया जाएगा, जिसमें नागरिक अपने लंबित मुकदमों को रखकर सुलभ न्याय प्राप्त कर सकते हैं। राष्ट्रीय लोक अदालत में बैंक से संबंधित, चालान से संबंधित मुकदमें, बिजली, पानी व अन्य मुकदमे रखकर आपसी सहमति से सुलझाए जाएंगे। नागरिक राष्ट्रीय लोक अदालत में अपने लम्बित मामलों को रखकर उनका स्थाई समाधान करवाएं। लोक अदालत में निपटाए गए मामलों की किसी भी ऊपरी अदालत में अपील नहीं की जा सकती है।
प्राधिकरण ने स्थानीय रेडियो स्टेशन से रेडियो प्रोग्राम के माध्यम से मध्यस्थता कार्यक्रम की दी जानकारी 
जिला एवं सत्र न्यायाधीश नीरजा कुलवंत कलसन के मार्गदर्शन तथा प्राधिकरण की सचिव डॉ. तरन्नुम खान के निर्देशानुसार स्थानीय रेडियो स्टेशन से रेडियो प्रोग्राम में आम जनता को 90 दिवसीय मीडिएशन कार्यक्रम की जानकारी दी गई। आमजन को मध्यस्थता के माध्यम से अपने लंबित मामलों का निपटारा शीघ्र करवाने के लिए जागरूक किया गया।
मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी एवं प्राधिकरण की सचिव डॉक्टर तरन्नुम खान ने बताया कि राष्ट्रीय मध्यस्थता अभियान से जनता को बहुत फायदे होंगे और मुकदमों की संख्या में कमी आएगी। उन्होंने बताया कि इस अभियान का उद्देश्य लंबित मामलों को मध्यस्थता के माध्यम से सौहार्दपूर्ण तरीके से हल करना है। उन्होंने कहा कि मध्यस्थता की प्रक्रिया से न केवल समय और धन की बचत होती है, बल्कि पक्षकारों के बीच पारस्परिक संबंध भी बेहतर बने रहते हैं।
डॉ. तरन्नुम खान ने बताया कि राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण के आदेशों के अनुसार देशभर में राष्ट्र के लिए मध्यस्थता अभियान की शुरुआत हो चुकी है। यह 90 दिवसीय अभियान पूरे भारत देश में चलाया जा रहा है, जो 30 सितंबर 2025 तक जारी रहेगा। इस अभियान में जिला न्यायालय से लेकर उच्च न्यायालय तक सभी न्यायिक सत्रों को शामिल किया गया है। उन्होंने बताया कि यह अभियान विशेष रूप से उन मामलों पर केंद्रित है, जो मध्यस्थता के योग्य है। इन मामलों में  पारिवारिक विवाद, भूमि विवाद, व्यापारिक अनुबंध विवाद व उपभोक्ता मामले आदि को शामिल किया गया है।
रेडियो कार्यक्रम में मध्यस्थ ललित कौशिक ने कहा कि नागरिक अपने मुकदमों को कोर्ट के माध्यम से जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के मीडिएशन कार्यालय में रखकर मीडिएशन द्वारा आपसी सहमति से जल्द निपटवा सकते हैं।
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