मोगा के अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश विक्रांत कुमार की अदालत ने नवजात शिशु को गोबर में दबाने के मामले में माता-पिता को उम्रकैद की सजा सुनाई है। अभियोजन पक्ष के अनुसार 28 सितंबर 2020 की सुबह गांव फतेहगढ़ कोरोटाना के सरपंच दिलबाग सिंह को गांव के जगतार सिंह ने सूचना दी कि एक व्यक्ति ने पास के खाली प्लॉट में पड़ी खाद में एक नवजात बच्ची को निर्मल सिंह के घर पर दबा दिया है। इसकी सूचना सरपंच ने 112 नंबर पर पुलिस को दी।
इस मामले की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और मुखिया की मौजूदगी में बच्ची को मिट्टी से बाहर निकाला और इलाज के लिए सिविल अस्पताल मोगा पहुंचाया। साथ ही अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ धारा 307 के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। पुलिस ने जांच के दौरान नछत्तर सिंह के बेटे गुरदेव सिंह और गुरदेव सिंह की पत्नी हरदीप कौर को नामजद किया है।
लेकिन दोनों आरोपी भाग निकले। इसके साथ ही नवजात बच्ची की जिम्मेदारी बाल संरक्षण विभाग को सौंप दी गई, लेकिन 6 अक्टूबर को बच्ची की मौत हो जाने के कारण इस मामले में धारा 302 लगा दी गई। 16 नवंबर को मुख्य आरोपी गुरदेव सिंह और उसकी पत्नी को गिरफ्तार कर लिया गया।
सीएम भगवंत मान अरविंद केजरीवाल से मिलेंगे, तिहाड़ जेल प्रशासन को लिखा पत्र
जांच से पता चला कि दंपति बच्चा नहीं चाहते थे और गुरदेव सिंह ने जल्दबाजी में उसे रात में गोबर के ढेर में दफना दिया। वहां से गुजर रहे एक व्यक्ति ने बच्ची के नग्न शरीर के अंगों को गोबर में पड़ा देख इसकी जानकारी गांव के सरपंच को दी।
जांच के दौरान पुलिस ने लड़की और हरदीप कौर का डीएनए टेस्ट भी कराया और गर्भावस्था के संबंध में हरदीप कौर द्वारा दिए गए उपचार के साक्ष्य के साथ एक रिपोर्ट भी दर्ज की। बुधवार को अदालत ने अभियोजन पक्ष की गवाही और दलीलों से सहमत होकर गुरदेव सिंह और उसकी पत्नी को उम्रकैद की सजा सुनाई।