Friday, October 18, 2024
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रोहतक में स्वास्थ्य सुविधाओं का टोटा, मांगों को लेकर नागरिक मंच ने दिया धरना

रोहतक के सिविल अस्पताल में लचर पड़ी स्वास्थ्य सुविधाओं की बेहतरी के लिए नागरिक मंच ने धरना देकर प्रदर्शन किया। इस दौरान उन्होंने कहा, सरकार ने जनता को स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने का दावा किया है लेकिन पूरा नहीं किया। लोगों को नाममात्र की सुविधाएं मिल रही है। अभी भी अस्पताल में अल्ट्रासाउंड की मशीन खराब है।

उन्होंने बताया कि नागरिक मंच का प्रतिनिधिमंडल 10 जुलाई को सीएमओ रोहतक से मिला और मशीनों को ठीक करवाने की मांग की। इसके बाद मंच का प्रतिनिधिमंडल “समाधान शिविर” में पहुंचा वहां उपायुक्त के सामने समस्या रखी। लेकिन समास्याओं का समाधन नहीं हुआ। प्रशासन का रूख व मरीजों की परेशानी को देखते हुए मंच ने सिविल अस्पताल रोहतक पर “आक्रोश धरना” दिया। इसकी अध्यक्षता डॉ रणबीर दहिया डॉक्टर बलराम कादयान व राजदुलारी ने की।  धरने का संचालन एडवोकेट रामचंद्र सिवाच ने किया। धरने को डॉक्टर जगमति सांगवान, कर्मवीर सिवाच, प्रीत सिंह, कमलेश लाहली रणवीर सिंह, सतबीर सीटू ,कैप्टन शमशेर मलिक ,राजकुमारी दहिया ,राजवीर जाखड़ ,अमित पुनिया व पंकज सेठी आदि ने संबोधित किया ।

इसी बीच एसएमओ स्वयं धरना स्थल पर पहुंचे व बताया कि हमने मशीनें ठीक करवा दी हैं परंतु अल्ट्रासाउंड मशीन के लिए रेडियोलॉजिस्ट नहीं है। इस पर नागरिकों ने कहा कि आज ही रेडियोलॉजिस्ट की डिमांड ऊपर लिखित में भेजी जाए।  वहीं  मंच ने एसएमओ को मांगों लेकर स्वास्थ्य मंत्री के नाम ज्ञापन साैंपा है।

ये हैं मांगें

  • सभी स्वास्थ्य सेवाएं सभी को बेहतर व मुफ्त दी जाएं
  • रोहतक जिला सिविल अस्पताल में अल्ट्रासाउंड मशीनों को ठीक करवाकर उचित उपयोग में लाया जाए।
  • ब्लड बैंक के चारों खराब AC तुरंत ठीक करवाए जाएं
  •  एंबुलेंस की संख्या मापदंडों के हिसाब से हो। एंबुलेंस ठीक हालत में हों
  •  सभी जरूरी दवाएं हरेक मरीज (दाखिल हुए और ओपीडी के) को दी जाएं।
  • क्लिनिकल साइड के डाक्टरों और स्पेशियलिस्टों की प्रशासनिक ड्यूटी न लगाई जाए ताकि मरीजों की ठीक देख भाल हो सके।
  • 200 बिस्तरों के हिसाब से नर्सों और बाकी पैरामेडिकल स्टाफ की तत्काल भर्ती की जाए ।
  • एक दिन में किसी भी ओपीडी में एक डॉक्टर कितने मरीज देख सकता है यह तय किया जाए ताकि मरीजों का ठीक ढंग से इलाज हो सके।
  • सार्वजनिक स्वास्थ्य क्षेत्र में सरकारी निवेश को बढ़ाया जाए। विश्व स्वास्थ्य संगठन के मानकों के अनुसार स्वास्थ्य ढांचे को मजबूत बनाया जाए।
  • जिला अस्पतालों और अन्य स्वास्थ्य सुविधाओं के निजीकरण पर रोक लगाई जाए। स्वास्थ्य बीमा योजनाओं की समीक्षा की जाए।
  • स्वास्थ्य सेवाओं को मौलिक अधिकारों में शामिल किया जाए।
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