KPTCL Job: कर्नाटका में सरकारी नौकरी के लिए लोग दिन-रात मेहनत करते हैं, लेकिन अब नौकरी पाने की राह में एक नई और अनोखी चुनौती आ गई है।
कर्नाटक पावर ट्रांसमिशन कॉरपोरेशन लिमिटेड (KPTCL) और पांच बिजली कंपनियों द्वारा आयोजित की गई ग्रुप डी भर्ती परीक्षा में उम्मीदवारों को लिखित परीक्षा की बजाय शारीरिक परीक्षा (Physical Fitness Test) में खुद को साबित करना होगा। इस परीक्षा के तहत उन्हें 8 मीटर ऊंचे बिजली के खंभे पर चढ़ने की चुनौती दी जा रही है, और इस चुनौती को पार करने में 80% उम्मीदवार फेल हो रहे हैं।
क्या है KPTCL की शारीरिक परीक्षा?
कर्नाटक पावर ट्रांसमिशन कॉरपोरेशन लिमिटेड (KPTCL) द्वारा आयोजित की गई भर्ती परीक्षा में उम्मीदवारों को कुछ विशेष शारीरिक मापदंड (Physical Standards) को पूरा करना होता है। इनमें प्रमुख हैं:
1. पोल पर चढ़ना (Pole Climbing)
उम्मीदवारों को 8 मीटर ऊंचे कंक्रीट के बिजली के खंभे पर चढ़ना होता है। इस परीक्षा को पार करने में 10 में से 8 उम्मीदवार असफल हो रहे हैं।
2. दौड़ (Running Test)
उम्मीदवारों को 14 सेकंड में 100 मीटर दौड़ और 3 मिनट में 800 मीटर की दौड़ पूरी करनी होती है।
3. कूदना (Jumping Test)
उम्मीदवार को एक मिनट में 50 बार कूदना होता है।
4. गोला फेंकना (Shot Put)
उम्मीदवार को 5.4 किलोग्राम का गोला 8 मीटर तक फेंकना होता है, और इसके लिए उन्हें तीन मौके मिलते हैं।
उम्मीदवारों का विरोध और चिंताएं
इस शारीरिक परीक्षा के बाद उम्मीदवारों ने विरोध जताना शुरू कर दिया है। 2015 में पोलक्लाइम्बिंग परीक्षा को अनिवार्य किया गया था, जिससे उम्मीदवारों के लिए यह चुनौती और कठिन हो गई है।
अधिकतर उम्मीदवार इस शारीरिक परीक्षा में फेल हो रहे हैं, जिससे उन्हें लिखित परीक्षा (Written Exam) की मांग उठाने का मौका मिला है। कर्नाटक लोक सेवा आयोग (KPSC) और कर्नाटक परीक्षा प्राधिकरण (KEA) द्वारा आयोजित परीक्षा का विकल्प देने की मांग की जा रही है।
अधिकारियों का क्या कहना है?
कर्नाटका पावर ट्रांसमिशन कॉरपोरेशन लिमिटेड के अधिकारियों के अनुसार, करीब 80% उम्मीदवार इस शारीरिक मापदंड को पूरा करने में विफल रहते हैं। टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक, एक अधिकारी ने कहा कि अधिकांश उम्मीदवार मुश्किल से दो मीटर तक ही चढ़ पाते हैं और हार मान लेते हैं।
कर्नाटक पावर ट्रांसमिशन कॉरपोरेशन लिमिटेड (KPTCL) की यह नई शारीरिक परीक्षा उम्मीदवारों के लिए एक बड़ी चुनौती बन गई है। हालांकि यह परीक्षा उम्मीदवारों की शारीरिक फिटनेस (Physical Fitness) को परखने का एक तरीका हो सकती है
लेकिन इसके विरोध ने यह साबित कर दिया है कि इस प्रक्रिया में सुधार की आवश्यकता हो सकती है। उम्मीदवारों की सफलता अब केवल शारीरिक क्षमता पर निर्भर करेगी, और जो इस परीक्षा को पास कर पाएंगे, वे ही कर्नाटका पावर सेक्टर में ग्रुप डी की नौकरी हासिल कर सकेंगे।