कैथल की डीसी अपराजिता ने बढ़ती ठंड के चलते शीत-घात से बचाव को लेकर जिला प्रशासन ने सरकार के निर्देशानुसार विशेष एडवाइजरी जारी की है। डीसी ने आम नागरिकों से शीतलहर व सर्दी से बचाव के लिए विशेष सावधानी बरतने की अपील भी की है। इन दिनों जिले में शीतलहर चल रही है। इसी के मद्देनजर हम सावधानी बरतकर शीत घात से बच सकते हैं। ठंड एवं शीतलहर से बचाव के लिए इन बातों की पालना जरूर करें।
उन्होंने कहा कि शीत-घात से बचने के लिए मौसम पूर्वानुमान के लिए रेडियो/टीवी/समाचार पत्रों से मौसम संबंधित जानकारी लेते रहे। फ्लू, नॉक बहना/ भरी नाक या नाक बंद जैसी विभिन्न बीमारियों की संभावना आमतौर पर ठंड में लंबे समय तक संपर्क में रहने के कारण होती हैं। इसलिए स्थानीय स्वास्थ्य कर्मियों या डॉक्टर से परामर्श करें। ठंडी हवा, बारिश, बर्फ के संपर्क में आने से बचे। गर्म कपड़े पहनें। तंग कपड़े न पहने। शरीर की गरमाहट बनाये रखने हेतु अपने सिर, गर्दन, हाथ और पैर की उंगलियों को पर्याप्त रूप से ढककर रखें। हाथों में दस्ताने रखें। सिर पर टोपी या मफलर पहने, स्वास्थ्य वर्धक भोजन लें। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार पर्याप्त रोग प्रतिरोधक क्षमता बनाए रखने के लिए विटामिन सी से भरपूर फल और सब्जियां खाएं।
उन्होंने बुजुर्ग लोगों, नवजात शिशुओं तथा बच्चों का विशेष ध्यान रखने की सलाह दी। जरूरत के अनुसार ही रूम हीटर का प्रयोग करें, लेकिन रूम हीटर के प्रयोग के दौरान पर्याप्त हवा निकासी का प्रबंध रखें। बंद कमरों में कोयले को जलाना खतरनाक हो सकता है। क्योंकि यह कार्बन मोनोऑक्साइड जैसी जहरीली गैस पैदा करती है।
डीसी अपराजिता ने कहा कि शीतलहर के दौरान पशुओं और पशुधन को जीवन यापन के लिए अधिक भोजन की आवश्यकता होती है क्योंकि ऊर्जा की आवश्यकता बढ़ जाती है। रात के समय पशुओं के आवास को सभी तरफ से ढक दें ताकि ठंडी हवाओं के सीधे संपर्क में आने से बचा जा सके।

