Kaithal News : हरियाणा राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के निर्देशानुसार और जिला विधिक सेवा प्राधिकरण कैथल को अध्यक्ष एवं जिला एवं सत्र न्यायधीश रितु वाई. के. बहल की देखरेख में शनिवार को न्यायिक परिसर में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया। इसमें लोगों को प्रेरित किया कि लोक अदालत में अधिक से अधिक मामलों को निपटा कर लोक अदालत का फायदा उठायें।
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव एवं मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी रितू ने बताया कि इस राष्ट्रीय लोक अदालत में कुल 8171 लंबित मामलों को रखा गया था, जिसमें से 4552 मामलों का निपटारा किया गया। कुल मुबलिक 10 करोड़ 30 लाख एक हजार 905 रुपये की राशि के विभिन्न अपराधिक, एन आई एक्ट, बैंक रिकवरी, मोटर वाहन, श्रम से संबंधित विवाद मामले, राजस्व मामले अन्य मामलों का इस राष्ट्रीय लोक अदालत के माध्यम से निपटारा किया गया है।
इस लोक अदालत में इस लोक अदालत में अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायधीश डा. नन्दिता कौशिक, मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी विनाद कुमार, सिविल न्यायाधीश (जनियर डिवीजन) अंकिता महाजन, सिविल न्यायाधीश (जूनियर डिवीजन) प्रिंस कुमार, अतिरिक्त सिविल न्यायाधीश (सिनियर डिवीजन) गुहला डिविजन अक्षय चौधरी की बैंच गठित की गई थी।
इसके साथ ही उन्होंने बताया कि लोक अदालत एक ऐसी अदालत है जिसमें मामलों (विवादों) का निपटारा पक्षकारों की पारस्पारिक सहमति से किया जाता है। इसमें न किसी पक्षकार की जीत होती न हार। दोनों पक्षों में पुन: स्नेह, सौहार्द एवं बन्धुत्व का भाव उत्पन्न हो जाता है। लोक अदालत की विशेषता है कि यह शीघ्र व सस्ते न्याय का स्त्रोत है। इसे जनता की अदालत भी कहा जाता है।
लोक अदालत की विशेषता है कि इसमें कोई न्यायालय शुल्क नहीं है और यदि न्यायालय शुल्क का भुगतान पहले ही कर दिया गया है तो लोक अदालत में विवाद का निपटारा होने पर इसे वापिस कर दिया जाता है। लोक अदालत में मामले का निपटारा तुरन्त हो जाता है और सभी को न्याय आसानी से मिल जाता है।