रोहतक : जिस तरह हमारा लाइफ स्टाइल बदल रहा है हमारा युवा जंक फूड की तरफ बढ रहा है और इसका अधिक सेवन हमारे लीवर के लिए घातक साबित हो रहा है। समय रहते हमें इसके लिए सचेत होना होगा नहीं तो भविष्य में फैटी लिवर लोगों के लिए बहुत बडी समस्या बन सकता है। यह कहना है पंडित भगवत दयाल शर्मा स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय के कुलपति डाॅ.एच.के. अग्रवाल का। वें रविवार को सुश्रुत सभागार में मेडिसिन विभाग द्वारा आयोजित एक दिवसीय सीएमई में मुख्यअतिथि के तौर पर उपस्थित हुए थे।
इस अवसर पर उपस्थित चिकित्सकों को संबोधित करते हुए कुलपति डाॅ.एच.के. अग्रवाल ने कहा कि युवाओं में मोटापा और उदर विकार बढ रहे हैं।उन्होंने कहा कि मेडिसिन विभागाध्यक्ष डाॅ. सुधीर अत्री के दिशा निर्देशन में डाॅ. संदीप गोयल और डाॅ. तराना गुप्ता द्वारा बहुत अच्छे विषय पर सीएमई का आयोजन करवाया गया है। डाॅ. अग्रवाल ने कहा कि चिकित्सा जगत में नित नई तकनीकें आ रही हैं, सभी विभागों को समय-समय पर सीएमई का आयोजन करवाना चाहिए ताकि चिकित्सकों को नवीनतम तकनीकों से अपडेट रखा जा सके और उसका सीधा फायदा मरीजों को मिल सके। उन्होंने कहा कि गैस्ट्रोएंटरोलॉजी और हिपेटोलोजी के क्षेत्र में भी एआई की तकनीक का लाभ लेना चाहिए।
निदेशक डाॅ.एस.के. सिंघल ने कहा कि आजकल लीवर और गैस्ट्रो की बीमारियां विकराल रूप धारण करते हुए चुनौतियां पेश कर रही हैं, ऐसे में हमें सात्विक भोजन का प्रयोग कर नशे से दूर रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि आज यहां गैस्ट्रो के क्षेत्र में महारत हासिल कर चुके विशेषज्ञ आएं हैं उनसे हमारा ज्ञानवर्धन होगा कि क्षेत्र में क्या नए आयाम हैं और आने वाले समय में क्या नई तकनीक आ रही है।
डाॅ.एस.के. सिंघल ने कहा कि एक चिकित्सक होने के नाते हमारा फर्ज बनता है कि दवा की कीमत को कम करवाएं ताकि वह सभी मरीजों की पहुंच में आ सके।
एपीआई के नए चयनित अध्यक्ष डाॅ. अशोक तनेजा ने बताया कि आप सभी के सहयोग से वें आज इस मुकाम पर पहुंचे हैं और वें 1978 में इस संस्थान में एमबीबीएस करने आए थे। उन्होंने बताया कि 2027 एपीकाॅन के लिए वेबसाईट लांच कर दी गई है।
मेडिसिन विभागाध्यक्ष डाॅ. सुधीर अत्री ने बताया कि कुलपति डाॅ.अग्रवाल के सहयोग से आज यह सीएमई आयोजित हो रही है जिसके लिए एनएमसी ने 4 क्रेडिट घंटे प्रदान किए हैं। उन्होंने बताया कि आज यहां सभी को नया सिखने को मिलेगा।
मंच का संचालन डाॅ. तराना गुप्ता ने करते हुए बताया कि यह बडे ही चिंता का विषय है कि हमारे देश में हर तीसरा व्यक्ति फैटी लिवर की समस्या से पीडित है। उन्होंने कहा कि हिपेटोलोजी के क्षेत्र में काफी नई तकनीक आ चुकी हैं, पहले फैटी लीवर जांचने के लिए बाॅयोप्सी से टुकडा लेना पडता था, अब फाइब्रोस्कैन से पता चल सकता है कि कितना फैट है। डाॅ. तराना गुप्ता ने बताया कि आज बताया गया है कि गेहूं से एलर्जी के इलाज में कौन सी नई दवाई पाइपलाइन में हैं।
कार्यक्रम के अंत में सभी का धन्यवाद व्यक्त करते हुए डाॅ. संदीप गोयल ने बताया कि आज की इस सीएमई का विषय रिसेंट एडवांसिज इन हैपेटोलोजी एंड गैस्ट्रोएंटरोलॉजी रखा गया था। उन्होंने बताया कि सीएमई में दिल्ली, चंडीगढ सहित देश के कई हिस्सों से विशेषज्ञ आए थे।
डाॅ. संदीप गोयल ने बताया कि गैस्ट्रो के क्षेत्र में एक नई तकनीक ईयूएस आ रही है, जिसमें पेट में झिल्ली बनने जाए तो अब उसके अंदर स्टंट डाला जा सकता है, जबकि पहले इसका आप्रेशन करना पडता था।
डाॅ. संदीप गोयल ने बताया कि सीएमई में डाॅ.विरेंद्र सिंह ने बताया कि लीवर के कैंसर में रूके हुए पित्त को कैसे दूरबीन से ड्रेन करवाया जा सकता है।