Tuesday, January 7, 2025
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जाने-माने पत्रकार मुकेश चंद्राकर की बेरहमी से हत्या, 1 जनवरी से था लापता, सेप्टिक टैंक में मिला शव

Journalist Mukesh Chandrakar: छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले के जाने-माने पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या कर दी गई। वो 1 जनवरी से लापता था। पुलिस ने एक ठेकेदार के परिसर में सेप्टिक टैंक से पत्रकार का शव बरामद किया। खबर सामने आने के बाद लोग गुस्से में हैं।

सोशल मीडिया यूजर लगातार रिएक्शन देकर रोष प्रकट कर रहे हैं। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि एक जनवरी की रात से लापता 33 साल के पत्रकार मुकेश चंद्राकर का शव शुक्रवार शाम बीजापुर शहर के चट्टानपारा इलाके में एक ठेकेदार के परिसर में सेप्टिक टैंक से बरामद किया गया।

वहीं पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या के विरोध में कई जगहों पर पत्रकारों का प्रदर्शन जारी है। इसी क्रम में शनिवार को रायपुर पुलिस क्लब में नम आंखों से मुकेश चंद्राकर को श्रद्धांजलि दी गई। इस मौके पर पत्रकारों और पुलिस के जवानों ने मौन रखकर दिवंगत आत्मा की शांति के लिए ईश्वर से कामना की। श्रद्धांजलि देने के बाद पत्रकार राज्यपाल को ज्ञापन देने राजभवन पहुंचे। राजभवन पहुंचे पत्रकारों को वहां पर रोक दिया गया।

धरने पर बैठे पत्रकार

पत्रकार राज्यपाल को घटना से संबंधित ज्ञापन देने चाहते थे। बाद में पत्रकारों ने राज्यपाल के सचिव को बुलाने की मांग की। राज्यपाल के सचिव जब पत्रकारों का ज्ञापन लेने के लिए नहीं पहुंचे तब पत्रकार नाराज हो गए। पत्रकार राजभवन के गेट नंबर 3 पर धरने पर बैठ गए। पत्रकारों का कहना था कि अगर राज्यपाल राजभवन में नहीं हैं तो सचिव को ज्ञापन लेना चाहिए।

सेप्टिक टैंक में मिला था शव

दरअसल शुक्रवार की शाम लगभग 7 बजे पुलिस ने शव को एक कंस्ट्रक्शन कंपनी के सेप्टिक टैंक से बाहर निकाला। शव पर 8-10 जगह निशान मिले हैं। ये कंस्ट्रक्शन कंपनी ठेकेदार और छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अनुसूचित जाति विभाग के प्रदेश महासिचव सुरेश चंद्राकर की है। वहीं, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री ने कहा है कि घटना में शामिल किसी भी अपराधी को बख्शा नहीं जाएगा। उधर, घटना के विरोध में पत्रकारों ने बीजापुर बंद का एलान भी किया है।

कमांडो को नक्सलियों के चंगुल से छुड़ाकर लाए थे मुकेश चंद्राकर

मुकेश चंद्राकर एक प्रमुख मीडिया संस्थान से जुड़े होने के साथ-साथ अपना यूट्यूब चैनल भी चलाते थे, जिसके 1.5 लाख से अधिक सब्सक्राइबर हैं। उनकी रिपोर्टिंग ने भ्रष्टाचार और अन्याय के खिलाफ कई बार इंसाफ दिलाया। उनकी पत्रकारिता तब सुर्खियों में आई जब उन्होंने नक्सलियों के कब्जे से एक सीआरपीएफ जवान को सुरक्षित वापस लाने में अहम भूमिका निभाई थी।

2021 में जब नक्सलियों ने एक हमले में 23 जवानों को शहीद कर दिया था और एक जवान को अगवा कर लिया था, तब मुकेश ने नक्सलियों से बातचीत कर उस जवान को अपनी बाइक पर बैठाकर सुरक्षित वापस लाने में सफलता हासिल की थी। उनकी इस बहादुरी को पूरे देश ने सराहा था।

 

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