रोहतक : आईपीएस अधिकारी और एडीजीपी वाई. पूरन कुमार की आत्महत्या मामले ने सोमवार को रोहतक में बसपा कार्यकर्ताओं ने प्रदेश सचिव विनय बौद्ध के नेतृत्व व जिला अध्यक्ष हवा सिंह बौद्ध की अध्यक्षता में प्रदर्शन किया गया।
बसपा कार्यकर्ता नारेबाजी करते हुए डॉक्टर भीमराव अंबेडकर चौक से स्थानीय लघु सचिवालय पहुंचे तथा राष्ट्रपति के नाम मांगपत्र सौंपते हुए इस मामले में निष्पक्ष जांच कर आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई किए जाने व मृतक के परिजनों के साथ न्याय किए जाने की मांग की। प्रदर्शनकारी कार्यकर्ता हाथों में तख्तियां लिए सड़कों पर उतरे और इस दुखद घटना को प्रशासनिक तंत्र में व्याप्त जातिगत भेदभाव और उत्पीड़न का परिणाम बताया।
प्रदर्शन के दौरान बसपा प्रदेश सचिव विनय बौद्ध ने कहा कि एक ईमानदार, कर्तव्यनिष्ठ और अनुशासित अधिकारी को केवल इसलिए मानसिक प्रताड़ना झेलनी पड़ी क्योंकि वह अनुसूचित जाति वर्ग से था। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार के संरक्षण में जातिवादी मानसिकता प्रशासन के उच्च स्तर तक घर कर चुकी है। उच्चाधिकारियों और राजनीतिक शक्तियों द्वारा बनाए गए अत्यधिक दबाव और अन्यायपूर्ण व्यवहार ने एडीजीपी को आत्महत्या जैसे कदम उठाने के लिए मजबूर किया। उन्होंने कहा कि यह केवल एक अधिकारी की व्यक्तिगत त्रासदी नहीं, बल्कि पूरे प्रशासनिक ढांचे के भीतर फैले जातिगत भेदभाव और असमानता का आईना है। कायला ने कहा कि जब एक उच्च पद पर बैठे अधिकारी के साथ ऐसी स्थिति हो सकती है, तो आम कर्मचारी और जनता का क्या हाल होगा, इसकी कल्पना की जा सकती है।
इस मौके पर बसपा जिला अध्यक्ष हवा सिंह बौद्ध ने कहा कि एडीजीपी आत्महत्या मामले की जांच करने की बजाए भाजपा सरकार इसे राजनीतिक रूप दे रही है। उन्होंने कहा कि यह हरियाणा सरकार के लिए शर्म की बात है कि इतने बड़े स्तर का अधिकारी आत्महत्या कर रहा है तो आम आदमी कहां तक सुरक्षित है। ऐसे में वे मांग करते है कि इस मामले की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए।
बसपा कार्यकर्ताओं ने चेतावनी दी कि यदि सरकार ने इस मामले को दबाने या लीपापोती करने का प्रयास किया, तो बसपा व्यापक आंदोलन छेड़ेगी और सडक़ों पर उतरकर जनता के साथ न्याय की लड़ाई लड़ेगे।