Monday, December 23, 2024
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International Gita Mahotsav : विश्व के कोने-कोने में पहुंची अंतराराष्ट्रीय गीता महोत्सव-2024 की गूंज, पर्यटकों ने जमकर की प्रशंसा

International Gita Mahotsav : कुरुक्षेत्र के ब्रह्मसरोवर के पावन तट 28 नवंबर से 15 दिसंबर 2024 तक लगे अंतराराष्ट्रीय गीता महोत्सव की गूंज विश्व के कोने-कोने तक सुनाई दी। इस गूंज के साथ ही इस महोत्सव ने विश्व पटल पर अपनी एक अलग पहचान बनाने का काम किया है।

इस महोत्सव में शिल्पकारों की अद्भुत शिल्पकला के साथ-साथ दूसरे प्रदेशों की लोक संस्कृति ने इस भव्य आयोजन को सफल बनाने का काम किया है। इतना ही नहीं अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव की गूंज दूसरे प्रदेशों में भी सुनाई दे रही है, यहां पर आने वाला प्रत्येक पर्यटक अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव की गाथा को भुला नहीं पा रहा है और इन अनोखे पलों को दूर-दराज से आने वाले पर्यटकों के साथ-साथ लाखों श्रद्धालु अपने कैमरों में कैद कर रहे है। इस महोत्सव की अनोखी छटा अपने आप में लोक संस्कृति को सहेजने का काम कर रही है।

अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव में जहां एक ओर शिल्पकारों की अदभुत और आश्चर्य चकित करने वाली शिल्पकला ने लोगों को मंत्रमुग्ध होने पर मजबूर किया है वहीं दूसरी ओर विभिन्न राज्यों की अलग-अलग वेशभूषा की लोक संस्कृति ने लोगों के मन को मोह लिया है और इस भव्य आयोजन के लिए लोग सरकार और प्रशासन का आभार व्यक्त करते नजर आ रहे है। धर्मक्षेत्र-कुरुक्षेत्र के पावन धरा पर आने वाले पर्यटक इस महोत्सव की हर क्षणों का लुफ्त उठाते नजर आए। इस भव्य आयोजन में विभिन्न राज्यों की लोक संस्कृति ने महोत्सव की फिजा में रंग भरने का काम किया है। इस महोत्सव में शिल्प कला और संस्कृति के यादगार लम्हों को अपने जीवन के हसीन क्षण बनाने के लिए हरियाणा ही नहीं भारत वर्ष से लोग कुरुक्षेत्र की तरफ अग्रसर हुए। इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि प्रतिदिन भारी संख्या में पर्यटक महोत्सव का आनंद लेने के लिए पहुंचे। अहम पहलू यह है कि सरस और शिल्प मेले में शिल्पकारों ने अच्छा व्यवसाय किया।

अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव-2024 के तमाम क्षणों को यादगार बनाने के लिए राज्य सरकार की तरफ से कोई कसर बाकी नहीं छोड़ी गई है। इस महोत्सव को अगर देश की संस्कृति और शिल्पकला का केन्द्र बिन्दू कहा जाए तो कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी, क्योंकि इस महोत्सव के शिल्प मेले में उत्तर क्षेत्र सांस्कृतिक कला केन्द्र पटियाला की तरफ से विभिन्न राज्यों के शिल्पकार पहुंचे है। इनमें से कई शिल्पकारों को राष्ट्रीय, राज्य स्तरीय के साथ-साथ अन्य अवार्ड मिल चुके है। इन शिल्पकारों की शिल्पकला को निहारने के लिए रोजाना भारी संख्या में पर्यटक पहुंचे। महोत्सव में आए शिल्पकारों से बातचीत कर आंकलन किया गया तो शिल्प और सरस मेले में अच्छा व्यवसाय हो चुका है। इन आंकड़ों से सहजता से आकलन किया जा सकता है कि यह महोत्सव शिल्पकारों के लिए आर्थिक रूप से भी एक विशेष महोत्सव के रूप में पहचान बना चुका है।

विभिन्न प्रदेशों की लोक संस्कृति और वेशभूषा ने मोहा पर्यटकों का मन

ब्रह्मसरोवर के पावन तट पर लगे अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव में विभिन्न प्रदेशों की अलग-अलग वेशभूषा और लोक संस्कृति ने लोगों के मन को मोह लिया है। इतना ही नहीं स्थानीय लोगों के साथ-साथ अन्य पर्यटकों ने भी इस अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव की यादों को अपने-अपने प्रदेशों में जाने के बाद साझा करने का काम कर रहे है। बच्चे, बुर्जुग और महिलाओं के साथ-साथ युवाओं में भी काफी उत्साह देखने को मिल रहा है। हर कोई इस महोत्सव की जमकर प्रशंसा कर रहा है।
हरियाणवी खान-पान के साथ पंजाब और राजस्थानी व्यंजनों का भी उठाया लुफ्त

अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव में जहां एक ओर ब्रह्मसरोवर के पावन तट पर 28 नवंबर से 15 दिसंबर 2024 तक से लगे सरस और क्राफ्ट मेले में लोगों ने जमकर खरीददारी की वहीं दूसरी और ब्रह्मसरोवर के पावन तट पर आने वाले पर्यटकों ने हरियाणवी खान-पान के साथ-साथ विभिन्न राज्यों के विभिन्न स्वादिष्ट व्यंजनों का भी लुफ्त उठाया। इस भव्य आयोजन में जहां शिल्पकारों ने अपनी शिल्पकला से लोगों को प्रभावित किया है वहीं दूसरी ओर पर्यटक विभिन्न राज्यों के स्वादिष्ट व्यंजनों को भी पसंद कर रहे है।

संध्या कालीन आरती के साथ-साथ रंग बिरंगी लाइटों आनंद लेते आए नजर

अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव में ब्रह्मसरोवर के पावन तट पर होने वाली संध्या कालीन आरती में पर्यटकों ने भाग लिया वहीं दूसरी ओर रात्रि के समय में पर्यटक इस भव्य आयोजन में रंग बिरंगी लाइटों से सजे ब्रह्मसरोवर के तट का आनंद लेते हुए नजर आए। पवित्र ग्रंथ गीता पूरी दुनिया को अध्यात्म और दार्शनिक तरीके से देखना-समझना सिखाता है, जिंदगी को जीना सिखाता है। हम अपने जीवन और उसके उदेश्यों को लेकर कई तरह के प्रश्नों से जूझते रहते है, लेकिन यह पवित्र ग्रंथ हमें हर प्रश्नों का जवाब बहुत अच्छे तरीके से देता है। यह ज्ञान हर मनुष्य के लिए जरूरी है।

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