हरियाणा के जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी एवं लोक निर्माण मंत्री रणबीर गंगवा ने कहा कि अब वक्त है कि हम विभागीय कार्यप्रणाली को स्मार्ट, सस्टेनेबल और टेक्नोलॉजी-ड्रिवन बनाएं। इसी सोच को आगे बढ़ाते हुए जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग द्वारा 2-दिवसीय विशेष कार्यशाला 23 और 24 अक्तूबर को पंचकूला में आयोजित की जाएगी।
कार्यशाला में जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के मुख्य अभियंता, अधीक्षण अभियंता, कार्यकारी अभियंता, एसडीओ और जेई मौजूद रहेंगे। इसका उद्देश्य है तकनीकी दक्षता बढ़ाना, जल गुणवत्ता में सुधार और परियोजना निष्पादन को तेज़ व पारदर्शी बनाना। इस दौरान देशभर के विशेषज्ञ वक्ता भी आधुनिक जल प्रबंधन, सस्टेनेबल इंफ्रास्ट्रक्चर और टेक्नोलॉजिकल इनोवेशन पर अपने अनुभव साझा करेंगे। कार्यशाला का उद्घाटन जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के आयुक्त एवं सचिव तथा इंजीनियर इन चीफ द्वारा किया जाएगा। समापन सत्र में कैबिनेट मंत्री रणबीर गंगवा स्वयं अभियंताओं को संबोधित करेंगे।
‘हरियाणा अब जल योजनाओं का नहीं, जल-संवेदनशील सिस्टम का राज्य बनेगा’
मंत्री रणबीर गंगवा ने कहा कि विभाग का विज़न अब हर घर तक बेहतर, स्वच्छ और सत्त पेयजल आपूर्ति के साथ-साथ कुशल प्रबंधन और आधुनिक तकनीक के प्रयोग पर केंद्रित है। अगर हमें हरियाणा को ‘वॉटर स्मार्ट स्टेट’ बनाना है, तो हमारे इंजीनियर्स को ‘स्मार्ट थिंकिंग’ और ‘इनोवेटिव वर्किंग’ की दिशा में कदम बढ़ाने होंगे।
गंगवा ने कहा कि यह कार्यशाला विभाग में नई ऊर्जा और सोच का संचार करेगी। जिससे हरियाणा में जल आपूर्ति और स्वच्छता सेवाओं की गुणवत्ता में क्रांतिकारी सुधार देखने को मिलेगा। उन्होंने कहा कि हमारा उद्देश्य है हर बूंद का सही उपयोग, हर योजना की समयबद्ध पूर्ति, और हर घर तक स्वच्छ पानी पहुंचाना।
कार्यशाला के प्रमुख विषय और उद्देश्य
कार्यशाला में 4-5 तकनीकी और इंटरैक्टिव सत्र होंगे। इसके तहत नवीन तकनीकों और आधुनिक विधियों का प्रसार करने के लिए विशेष रूप से जल आपूर्ति, सीवरेज एवं बाढ़ नियंत्रण प्रबंधन पर चर्चा होगी। इसके अलावा फील्ड अनुभवों और सर्वश्रेष्ठ प्रथाओं का साझा करने को लेकर भी अभियंताओं के बीच सेशन होंगे। वहीं,जल गुणवत्ता सुधार और सतत पेयजल सुनिश्चित करने के उपायों पर चर्चा भी रखी गई है। विभाग की अलग अलग परियोजनाओं की बेहतर योजना, संचालन और रखरखाव हेतु क्षमता निर्माण करने के अलावा बाढ़ एवं तूफान जल नियंत्रण के प्रभावी उपाय तथा कार्य निष्पादन की गति, पारदर्शिता और निगरानी प्रणाली को मजबूत करना भी मुख्य उद्देश्य रखा गया है।