Nuclear power plant: बिहार के नवादा जिले के रजौली में पूर्वी भारत का पहला न्यूक्लियर पावर प्लांट बनने जा रहा है. इस महत्वाकांक्षी परियोजना के लिए नीतीश सरकार ने बजट में राशि जारी कर दी है. जल संसाधन की उपलब्धता की समीक्षा भी शुरु हो गई है.
पूर्वी भारत का पहला न्यूक्लियर पावर प्लांट (Nuclear power plant)
अगर यह योजना सफल हो जाती है तो ये पूर्वी भारत का न्यूक्लियर पावर प्लांट होगा. इस परियोजना से बिहार सहित आसपास के राज्यों को निर्बाध बिजली आपूर्ति मिल सकेगी. इस प्लांट में प्लूटोनियम और यूरेनियम के साथ थोरीयम से न्यूक्लियर बिजली बनेगी. केंद्र सरकार ने 2047 तक 100 गीगावॉट न्यूक्लियर ऊर्जा उत्पादन का लक्ष्य तय किया है और इसी दिशा में बिहार में इस प्लांट की स्थापना पर विचार किया जा रहा है.
गंगा से पानी लाने पर होगा विचार
न्यूक्लियर पावर प्लांट को बनाने के लिए बड़े पैमाने पर पानी की आवश्यकता होगी. लेकिन नवादा में जल स्रोत सीमित होने के कारण गंगा नदी से जल आपूर्ति का प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है. इसी को लेकर पूर्व एनटीपीसी न्यूक्लियर प्रमुख इंदु प्रतीप पाल ने जल संसाधन विभाग के अधिकारियों से मुलाकात की और विस्तृत योजना बनाने के निर्देश दिए हैंं.
24 घंटे स्थिर बिजली आपूर्ति सुनिश्चित
न्यूक्लियर पावर प्लांट का निर्माण होने से पूरे बिहार को स्वच्छ ऊर्जा स्रोत मिलेगा. ऐसे में कार्बन उत्सर्जन में कमी आएगी. अन्य नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों की तुलना में न्यूक्लियर प्लांट 24 घंटे स्थिर बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करेगा जिससे उत्पादन लागत भी कम होगी. बिहार सरकार के इस प्रयास से बिहार में औद्योगिक विकास को भी बढ़ावा मिलेगा और राज्य के बिजली संकट को दूर करने में मदद मिलेगी.