सरकार के अनुसार, अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों (एससीबी) ने अपने सकल गैर-निष्पादित परिसंपत्ति (एनपीए) अनुपात में महत्वपूर्ण सुधार किया है। मार्च 2018 में जहां यह अनुपात 11.18 प्रतिशत था, वह अब जून 2024 में घटकर 2.67 प्रतिशत हो गया है। इसके साथ ही, वित्तीय वर्ष 2023-24 में एससीबी ने 23.50 लाख करोड़ रुपये का सर्वाधिक शुद्ध लाभ दर्ज किया, जो वित्त वर्ष 2022-23 में 22.63 लाख करोड़ रुपये था।
वित्त मंत्रालय के अनुसार, एससीबी की परिसंपत्ति गुणवत्ता में सुधार ने उनकी लचीलापन क्षमता को बढ़ाया है। इस दौरान, एससीबी का प्रावधान कवरेज अनुपात (पीसीआर) मार्च 2015 में 49.31 प्रतिशत से बढ़कर जून 2024 में 92.52 प्रतिशत तक पहुंच गया है। इसी तरह, सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (पीएसबी) का सकल एनपीए अनुपात भी मार्च 2015 में 4.97 प्रतिशत से घटकर इस वर्ष सितंबर में 3.12 प्रतिशत हो गया।
भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा किए गए तनाव परीक्षणों के परिणामों से यह स्पष्ट हुआ कि एससीबी की पूंजी स्थिति मजबूत है और वे व्यापक आर्थिक झटकों को भी बिना किसी अतिरिक्त पूंजी निवेश के अवशोषित करने में सक्षम हैं। मंत्रालय ने बताया कि एससीबी को गंभीर वित्तीय संकट की स्थिति में भी 5.5 प्रतिशत के न्यूनतम विनियामक सामान्य इक्विटी टियर 1 (सीईटी 1) अनुपात को बनाए रखने में कोई समस्या नहीं होगी।
इस सकारात्मक सुधार के कारण, सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने वित्त वर्ष 2023-24 में 1.41 लाख करोड़ रुपये का सर्वाधिक शुद्ध लाभ प्राप्त किया, जो पिछले वर्ष के 1.05 लाख करोड़ रुपये से अधिक था।