भारत में 2025 तक भर्ती में 9 प्रतिशत की वृद्धि हो सकती है। यह वृद्धि आईटी, खुदरा, दूरसंचार और बैंकिंग, वित्तीय सेवा और बीमा (बीएफएसआई) क्षेत्रों द्वारा संचालित होगी। फाउंडिट (पूर्व में मॉन्स्टर एपीएसी एंड एमई) की रिपोर्ट में बताया गया है कि 2024 में भर्ती में 10 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, और नवंबर 2024 में महीने दर महीने 3 प्रतिशत की वृद्धि भी देखने को मिली है।
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि 2025 में भारत का नौकरी बाजार उभरती प्रौद्योगिकियों और बदलते व्यावसायिक प्राथमिकताओं से आकार लेगा। उदाहरण के लिए, एज कंप्यूटिंग, क्वांटम एप्लिकेशन और साइबर सुरक्षा में नवाचार विनिर्माण, स्वास्थ्य सेवा और आईटी जैसे उद्योगों को बदलने के लिए तैयार हैं। साथ ही, खुदरा मीडिया नेटवर्क और एआई-संचालित कार्यबल विश्लेषण के विकास से ई-कॉमर्स, मानव संसाधन (एचआर) और डिजिटल सेवाओं में प्रतिभा की मांग बदलने वाली है। कंपनियाँ अब डिजिटल मार्केटिंग, विज्ञापन प्रबंधन और मानव संसाधन विश्लेषण में कुशल पेशेवरों की तलाश कर रही हैं।
आईटी क्षेत्र में वैश्विक क्षमता केंद्रों (जीसीसी) और मल्टी-क्लाउड अपनाने के कारण भर्ती में 15 प्रतिशत की वृद्धि हो सकती है। वहीं, खुदरा क्षेत्र में 12 प्रतिशत और दूरसंचार क्षेत्र में 11 प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान है, जो एआई, 5जी और आईओटी जैसी प्रौद्योगिकियों से प्रेरित है। 2025 में सबसे अधिक वृद्धि वित्त और लेखा, मानव संसाधन और प्रशासन, आईटी, आतिथ्य और विपणन जैसे क्षेत्रों में होने की संभावना है।
रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया गया है कि बेंगलुरु (10 प्रतिशत) भर्ती वृद्धि में सबसे आगे रहेगा, इसके बाद कोयंबटूर (9 प्रतिशत), हैदराबाद (8 प्रतिशत) और चेन्नई (6 प्रतिशत) का स्थान रहेगा।