Gudi Padwa 2025: गुड़ी पड़वा पर्व के साथ ही मराठी नववर्ष की शुरुआत होती है. यह पर्व चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की पहली तिथि के दिन मनाया जाता है. महाराष्ट्र के अतिरिक्त ये पर्व कर्नाटक, गोवा और आंध्रप्रदेश में भी मनाया जाता है. इस साल 30 मार्च 2025 को गुड़ी पड़वा का पर्व मनाया जाएगा.
Gudi Padwa 2025: गुड़ी पड़वा का अर्थ
गुड़ी शब्द का अर्थ होता है झंडा जबकि प्रतिपदा तिथि को पड़वा कहा जाता है. इस दिन घरों को रंगोली और फूलों से सजाया जाता है. घर के आगे गुड़ी ध्वज लगाने की परंपरा है.
क्यों मनाया जाता है गुड़ी पड़वा
गुड़ी पड़वा का इतिहास महाराष्ट्र की संस्कृति और सभ्यता के साथ जुड़ा हुआ है. इस पर्व के साथ ही मराठी नववर्ष की शुरुआत होती है. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, गुड़ी पड़वा का त्योहार भगवान ब्रह्मा द्वारा सृष्टि की रचना के उपलक्ष्य में मनाया जाता है. यह त्योहार वसंत ऋतु की शुरुआत का भी प्रतीक है, जो नई उमंग और जीवन की शुरुआत का प्रतीक है.
गुड़ी पड़वा के दिन घर की साफ-सफाई अच्छी तरह से होती है. फिर रंगोली और फूलों से घर को सजाया जाता है. सभी लोग नए-नए कपड़े पहनते हैं. परिवार और दोस्तों के साथ मिलकर इस पर्व को मनाते हैं. गुड़ी पड़वा के दिन पूरन पोली, श्रीखंड और मीठे चावल जैसे पकवान बनाए जाते हैं.
किस दिशा में गुड़ी लगाना होता है शुभ
गुड़ी पड़वा के दिन घर की पूर्व दिशा में गुड़ी लगाना बहुत शुभ माना जाता है. पूर्व दिशा को शुभता, उर्जा और नई शुरुआत का प्रतीक माना जाता है, क्योंकि सूर्य इसी दिशा से उदय होता है. यदि यह संभव न हो, तो उत्तर-पूर्व में भी गुड़ी लगाई जा सकती है, जिससे सकारात्मक ऊर्जा और समृद्धि बढ़ती है