पटना/नई दिल्लीः बिहार के आगामी चुनाव के समीकरणों को सिर के बल खड़ा कर देने वाले प्रशांत किशोर की जनसुराज पार्टी सत्ता में आई तो बिहार की तकदीर बदले न बदले, इतना तय है कि शराबियों का सुराज जरूर आएगा। सरकार बनने के 100 दिनों के भीतर पूरा किए जाने वाले 7 निश्चयों में से शराबबंदी को खत्म करना प्रशांत किशोर का सबसे पहला वादा है। वैसे जब तक जनसुराज की सरकार नहीं बनती तब तक बिहार के शराबी इसे दिल बहलाने के लिए एक अच्छे खयाल की तरह ही लें तो बेहतर होगा।
प्रशांत किशोर ने यह भीष्म प्रतिज्ञा भी ली है कि अगर 100 दिन में वे अपने 7 निश्चय पूरा नहीं कर पाए तो उनकी सरकार इस्तीफा दे देगी। बहरहाल, इसमें कोई संदेह नहीं है कि शराबबंदी जन सुराज की सरकार आते ही तत्काल खत्म हो जाएगी। प्रशांत किशोर ने यह बात बार बार पहले भी कही है। अभी घुट घुट कर पीने वाले शराबी तो सरकार बनने के पहले ही दिन पी कर टल्ली हो घूमने लगेंगे। प्रशांत किशोर की पार्टी जीत गई तो जम कर पार्टी होनी तय है, जाम से जाम टकराना तय है। एक अरसे से प्रदेश की राजनीति सूखी सूखी सी रही है। माना जाना चाहिए कि दारूबाजों का एकमुश्त वोट पीके को मिलेगा। क्योंकि कहते हैं दारूबाजों की न कोई जाति होती है न कोई धर्म। उसके लिए तो बस मयखाने खुले होने चाहिए। वैसे हकीकत यह है कि बिहार में शराबबंदी बस नाम की है। थोड़ी मंहगी हो गई है। शराब सप्लाई में पुलिस भी मदद कर रही है। जनसुराज की सरकार आने के बाद इतना ही फर्क आएगा कि ‘ ईज आफ ड्रिंकिंग’ का माहौल बनेगा।
प्रशांत किशोर इसे फर्जी शराबबंदी कह रहे हैं। पीके का तर्क है कि राज्य में शराब की दुकानें भले ही बंद रहती हों शराब की डिलिवरी घर घर हो रही है। इससे बिहार को 20, 000 करोड़ रुपए के राजस्व का नुकसान हो रहा है।
मजे की बात है कि बिहार के चीफ मिनिस्टर नितीश कुमार की तर्ज पर ही प्रशांत किशोर ने भी 7 निश्चय किए हैं। यह भी संभव है कि नितीश के साथ नजदीकियों के जमाने में पीके ने ही नितीश को 7 निश्चिय का आइडिया दिया हो। पीके ने बयान दिया है कि 100 दिन में 7 वादे पूरे न हुए तो निश्चय ही वे गद्दी छोड़ देंगे। उनकी यह प्रतिज्ञा अभी सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है । उनके इन 7 निश्चयों के तहत फर्जी शराबबंदी खत्म होगी, 60 साल से ऊपर हर वर्ग के लोगों को 2000 रुपए पेंशन मिलेगा, रिलीफ एंड रिहैबिलिटेशन विभाग का गठन होगा, प्राइवेट स्कूलों की फीस सरकार भरेगी, खेती-किसानी के लिए किसानों को मुफ्त में मजदूर मुहैय्या किए जाएंगे, रोजी रोजगार के लिए 4 प्रतिशत ब्याज दर कर्ज दिया जाएगा और अंत भ्रष्टाचार पर अंकुश के लिए स्पेशल कोर्ट का गठन होगा।