Friday, May 17, 2024
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मैं मरा ना जिंदा सूं जिंदा, सालों बाद मंत्री ने बुलाकर कहा मुबारक हो आप जिंदा हो

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हरियाणा के एक बुजुर्ग को खुद को जिंदा साबित करने में 13 सालों का वक्त लग गया। मैं मरा कोन्या ना जिंदा सूं जिंदा इतना बोलते-बोलते बुजुर्ग की आंखों से आंसू आ गए। ये मामला रेवाड़ी जिले का है। यहां के रहने वाले दाताराम को 13 सालो पहले सरकारी कागजात में मृत घोषित कर दिया गया था। सहकारिता मंत्री डॉ. बनवारी लाल ने दाताराम को बुलाकर जिंदा होने का सार्टिफिकेट दिया तो उनकी आंखों से आंसू आ गए। डॉ. बनवारी लाल ने सार्टिफिकेट देते हुए कहा , ‘मुबारक हो, अब आप जिंदा हो गए हैं।’

हरियाणा के रेवाड़ी जिले के बावल इलाके में खेड़ा मुरार नाम का एक गांव है। इस गांव में दो दाताराम रहते हैं। दोनों के पिता का नाम भी संयोग से एक ही है। सेना में नौकरी करने वाले दाताराम की मौत हो चुकी थी। 13 साल पहले दाताराम उम्र 60 साल होने पर वृद्ध पेंशन मांगने के लिए सरकारी कार्यालय गए। सरकारी कार्यालय में उन्होंने बताया गया कि दाताराम पुत्र बिहारी की मौत हो चुकी है और यह बात उनके यहां रिकॉर्ड में दर्ज है। उन्होंने कर्मचारियों से गुहार लगाई तो उन्हें कहा गया कि सरकारी कागजों में आपकी मौत हो चुकी है। आपको पहले अपने जिंदा होने का सर्टिफिकेट लाना होगा।

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बुजुर्ग ने कार्यालय अधिकारियों व कर्मचारियों को समझाया कि जिस दाताराम की मौत हुई है, वह मैं नहीं सेना में कार्य करने वाला दाताराम है। मैं तो जिंदा हूं। वह प्रशासन द्वारा की गई गलती का सुधरवाने के लिए रेवाड़ी और बावल के सभी संबंधित कार्यालयों, जिला उपायुक्त व अन्य उच्चाधिकारियों से गुहार लगाते रहे लेकिन उसकी कोई सुनवाई नहीं हुई। वह 13 साल तक इसी तरह भटकते रहे। उन्हें इसके चलते सरकारी योजनाओं का भी लाभ नहीं मिल पा रहा था। उन्होंने अपनी फाइल लेकर बहुत सारे अधिकारियों के भी चक्कर काटे, लेकिन उन्हें कोई भी जिंदा घोषित नहीं करा पाया। इसके चलते उन्होंने भी खुद को ‘मरा’ हुआ मान लिया और थकहारकर चुप बैठ गए।

जब गांव खेड़ा मुरार में ही इस गुरुवार को आयोजित ‘विकसित भारत संकल्प यात्रा-जनसंवाद’ के दौरान मंत्री डॉ. बनवारी लाल ने दाताराम को जिंदा होना का प्रमाण पत्र जारी किया। प्रमाण पत्र मिलते ही उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा।

मंच पर बुलाने के बाद मंत्री ने दाताराम को बधाई दी और कहा की अब आप जिंदा हो गए हैं और जल्द ही आपको सरकारी योजनाओं का लाभ अन्य बुजुर्गों की तरह ही मिलने लगेगा। दाताराम ने इसे अपनी जिंदगी की सबसे बड़ी खुशखबरी और अपना पुनर्जन्म बताया है।

 

 

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