जापान की प्रमुख कार निर्माता कंपनियां होंडा और निसान ने हाल ही में मर्जर के लिए मेमोरेंडम ऑफ अंडरस्टैंडिंग (MOU) साइन किया है। यह मर्जर अगले साल जून तक फाइनल होने की संभावना है। कंपनियों ने सोमवार, 23 दिसंबर को इस डील के पहले चरण की बातचीत की जानकारी दी।
इस मर्जर के तहत, दोनों कंपनियां एक होल्डिंग कंपनी बनाएंगी, जिसमें दोनों की बराबर हिस्सेदारी होगी। यह नई कंपनी 2026 तक टोक्यो स्टॉक एक्सचेंज (TSE) में लिस्ट हो सकती है। हालांकि, दोनों कंपनियां अपने-अपने ब्रांड को बनाए रखने और बढ़ाने पर भी काम करेंगी।
चीन और अमेरिका में घट रही बाजार हिस्सेदारी, कंपनियों के लिए इस मर्जर का कारण हो सकती है। इन दोनों देशों में सेल्स और प्रॉफिट में गिरावट के चलते कंपनियों को अपने उत्पादन और कार्यबल में कटौती करनी पड़ी। इसके अलावा, इन बाजारों में कंपनियों के प्रॉफिट में लगभग 70% की गिरावट आई है।
इस मर्जर से जापान की ऑटो इंडस्ट्री में दो प्रमुख कंपनियां उभरेंगी—पहली होंडा, निसान और मित्सुबिशी की होल्डिंग कंपनी, और दूसरी टोयोटा ग्रुप की कंपनियों से मिलकर बनी हुई ग्रुप।
इस मर्जर की खबर के बाद, 23 दिसंबर को होंडा के शेयर में 3.82% और निसान के शेयर में 1.58% की वृद्धि देखने को मिली।