Hill Station: जम्मू-कश्मीर के अलावा हिमाचल प्रदेश भी अपनी खूबसूरती के लिए जाना जाता है। यहां की प्राकृतिक खूबसूरती हर किसी का दिल अपनी ओर आकर्षित कर लेता है। यहां की कुछ जगहें तो इतनी खूबसूरत है कि वहां जाने के बाद आपका वापस आने का मन ही नहीं करेगा।
हम बात कर रहे हैं कियारीघाट हिमाचल प्रदेश में कालका-शिमला राष्ट्रीय राजमार्ग से 22 किमी की दूरी पर स्थित एक छोटे से हिल स्टेशन के बारें में। ये हिल स्टेशन हरे-भरे जंगलों और खूबसूरत प्राकृतिक नजारों से घिरा हुआ है। दिल्ली-एनसीआर में रहने वाले लोग इस खूबसूरत जगह पर अपनी छुट्टियां बिताने के लिए आते हैं। कियारीघाट की सुंदरता और आर्कषण के कारण यहां हजारों लोग घूमने के लिए आते हैं। कियारीघाट घूमने जा रहे हैं तो इन जगहों पर घूमने ना भूलें।
जटोली
कियारीघाट के पास जटोली के पास एक प्यारा सा गांव जटोली है। ये गांव विशाल शिव मंदिर के कारण जाना जाता है। इस जगह की सुंदरता इसे काफी खास बनाती है। यहां जटोली शिव नाम का मंदिर है, जिसकी ऊंचाई लगभग 111 फुट है। इस शिव मंदिर की मान्यता ऐसी है कि पौराणिक काल में भगवान शिव यहां आए थे कहते हैं कि वो कुछ समय के लिए रहे थे। बाद में 1950 के दशक में स्वामी कृष्णानंद परमहंस नाम के एक बाबा यहां आए, जिनके मार्गदर्शन और दिशा-निर्देश पर ही जटोली शिव मंदिर का निर्माण कार्य शुरू हुआ।
द एप्पल कार्ट इन
कियाराघाट का द एप्पल कार्ट बहुत मशहूर है। बहुत साल पहले ये जगह डाक बंगला हुआ करती थी लेकिन अब इसे हिमाचल प्रदेश टूरिज्म ने इकॉनोमी बार कम रेस्टोरेंट में बदल दिया है। यहां आकर आप शानदार टेस्टी खाने का लुफ्त उठा सकते हैं। इस कैफेटेरिया की बड़ी बात यह है कि यह देर रात तक अपने गेस्ट्स की सेवा में हाजिर रहता है। यहां आकर आप दोस्तों के साथ खूब मस्ती-मजाक कर सकते हैं।
करोल गुफा
हिमाचल के सोलन जिले के करोल पहाड़ के ऊपर करोल गुफा है। यह हिमालय में मौजूद सबसे पुरानी और रहस्यमय गुफा है। इस गुफा में जाने के लिए करोल चोटी के शिखर पर जाना पड़ता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार भगवान शिव के अतिरिक्त पांचों पांडव ने भी यहां तपस्या की थी।
चूड़धार अभयारण्य
चूड़धार अभयारण्य हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले में स्थित एक प्रसिद्ध वन्यजीव अभयारण्य है। ये वन्यजीव अभयारण्य 56 किलोमीटर तक फैला हुआ है। साल 1985 में इसकी स्थापना की गई थी। यहां पर प्राकृतिक नजारे के साथ-साथ चूड़घार चिरघुल महाराज की प्रतिमा भी देखने को मिल जाएगी। इस जगह को चूड़ीचांदनी (बर्फ की चूड़ी) के नाम से भी जाना जाता है।
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