Monday, May 6, 2024
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हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार और किसानों को लगाई फटकार, जाने क्या की ऐसी टिप्पणी

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चंडीगढ़। पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने युवा किसान शुभकरण सिंह की मौत मामले में सुनवाई की। इस मामले में एफआईआर दर्ज करने में हुई एक सप्ताह की देरी पर हाईकोर्ट ने हरियाणा और पंजाब दोनों राज्यों को जमकर फटकार लगाई। इसके साथ ही हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार को जमकर फटकार लगाते हुए कहा कि आप सरकार हैं आतंकवादी नहीं जो इस प्रकार किसानों पर गोलियां चलाई जा रही हैं। सुनवाई के दौरान ही हाईकोर्ट ने किसानों को भी खरी-खरी सुनाई और कहा कि आप हाइवे पर मांगों को लेकर बैठे हो जब हम सुनवाई कर रहे हैं तो किसान अदालत में आकर क्यों नहीं अपना पक्ष रखते। यूं जेसीबी और मोडिफाई ट्रैक्टरों के साथ आंदोलन को कैसे जायजा माना जा सकता है।

हरियाणा व पंजाब को जमकर फटकार

मौत की न्यायिक जांच की मांग को लेकर दाखिल याचिका पर हाईकोर्ट ने हरियाणा, पंजाब व अन्य प्रतिवादियों को नोटिस जारी करते हुए जवाब मांगा है। किसान आंदोलन से जुड़ी विभिन्न याचिकाएं सुनवाई के लिए कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश जस्टिस गुरमीत सिंह संधावालिया व जस्टिस लपिता बनर्जी की खंडपीठ के समक्ष पहुंची थी। सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने शुभकरण की मौत के बाद एफआईआर दर्ज करने में हुई एक सप्ताह की देरी के लिए हरियाणा व पंजाब दोनों राज्यों को जमकर फटकार लगाई। हाईकोर्ट ने कहा कि एक सप्ताह तक शव को रखा गया और जांच आरंभ नहीं की गई।

पोस्टमार्टम व एफआईआर दर्ज करने में देरी क्यों 

हाईकोर्ट ने कहा कि शुभकरण की मौत प्राकृतिक नहीं थी तो ऐसे में क्यों पोस्टमार्टम व एफआईआर दर्ज करने में इतनी देरी हुई। इस पर पंजाब सरकार ने बताया कि गत दिवस एफआईआर दर्ज कर पोस्टमार्टम किया जा चुका है। इस मामले में हत्या की एफआईआर दर्ज की गई है। हाईकोर्ट ने कहा कि एक बार पोस्टमार्टम की रिपोर्ट आ जाए फिर हम इस मामले में आवश्यक आदेश जारी करेंगे। इस मामले में हाईकोर्ट के रिटायर जज से जांच करवाने की मांग को लेकर दाखिल याचिका पर हरियाणा, पंजाब व केंद्र को नोटिस जारी करते हुए जवाब दाखिल करने का आदेश दिया है।

 हाईकोर्ट ने सरकार को पक्ष रखने का आदेश

सुनवाई के दौरान दोनों राज्यों में इंटरनेट सेवाएं बंद करने पर हाईकोर्ट ने दोनों राज्यों को जवाब दाखिल करने का आदेश दिया है। याची पक्ष की ओर से विभिन्न जजमेंट पेश की गई थी जिसके अनुसार इंटरनेट लोगों का अधिकार है और इसे छीना नहीं जा सकता। इन जजमेंट पर हाईकोर्ट ने सरकार को पक्ष रखने का आदेश दिया है। हाईकोर्ट ने किसानों को भी खरी-खरी सुनाई और कहा कि आप हाइवे पर मांगों को लेकर बैठे हो जब हम सुनवाई कर रहे हैं तो किसान अदालत में आकर क्यों नहीं अपना पक्ष रखते। यूं जेसीबी और मोडिफाई ट्रैक्टरों के साथ आंदोलन को कैसे जायजा माना जा सकता है।

दिल्ली कूच पर कोई नया ऐलान नहीं

इस दौरान केंद्र सरकार की ओर से बताया गया कि किसानों के कल्याण के लिए सरकार ने विभिन्न योजनाएं चलाई हैं और सरकार के स्तर पर इस विवाद को निपटाने का प्रयास किया जा रहा है। हाईकोर्ट से केंद्र सरकार ने अपील की है कि देशहित में आदेश जारी किया जाए। वहीँ किसान आंदोलन के 17वें दिन किसानों के दिल्ली कूच पर कोई नया ऐलान नहीं हुआ। पंजाब पुलिस के हत्या की FIR दर्ज करने के बाद गुरूवार को बठिंडा में खनौरी बॉर्डर पर 21 फरवरी को मरे किसान शुभकरण का अंतिम संस्कार कर दिया गया। इस दौरान बड़ी संख्या में किसान मौजूद रहे।

3 मार्च को शुभकरण की आत्मिक अरदास

अंतिम संस्कार में पहुंचे किसान नेता पंधेर और जगजीत डल्लेवाल ने कहा कि 3 मार्च को शुभकरण की आत्मिक शांति के लिए अरदास रखी गई है। दिल्ली कूच को लेकर उन्होंने कहा कि अभी यह माहौल इस बारे में बात करने का नहीं है। फिलहाल किसान पंजाब-हरियाणा के शंभू और खनौरी बॉर्डर पर डटे रहेंगे। आंदोलन अभी खत्म नहीं होगा। किसानों की MSP पर खरीद की गारंटी का कानून, डॉ. स्वामीनाथन कमीशन के फैसले के हिसाब से फसलों के दाम और किसान-मजदूरों की कर्ज माफी तक आंदोलन जारी रहेगा।

पासपोर्ट-वीजा रद्द करवाने की तैयारी

इधर हरियाणा पुलिस ने आंदोलन की आड़ में उपद्रव मचाने वालों के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी है। पुलिस ने ऐसे लोगों के पासपोर्ट-वीजा रद्द करवाने की बात कही है। इसके लिए हरियाणा पुलिस ने शंभू बॉर्डर पर लगे कैमरों और ड्रोन से उपद्रवियों की फोटो निकाली हैं। इन तस्वीरों को पहचान के बाद भारतीय एंबेसी में भेजा जा रहा है। इनके पासपोर्ट-वीजा रद्द करने के साथ इनकी पहचान भी कराई जा रही है। पुलिस के मुताबिक उपद्रवियों की फोटो पासपोर्ट ऑफिस और केंद्रीय गृह मंत्रालय को भी भेज रही है। डीएसपी जोगिंदर शर्मा ने इस बात की पुष्टि करते हुए कहा कि किसान आंदोलन की आड़ में उपद्रव करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा।

अब महिला किसानों की संख्या बढ़ेगी

शंभू बॉर्डर पर आंदोलन को मजबूत करने के लिए अब किसान जत्थेबंदियां महिला किसानों की संख्या बढ़ाने की रणनीति पर काम कर रहा है। इसके लिए आसपास के गांवों के किसानों की ड्यूटियां लगाई जा रही हैं। किसानों ने साफ कहा कि वे हर रोज अपने गांवों की महिला किसानों को एकजुट कर बॉर्डर पर लेकर पहुंचेंगे। वीरवार को आंदोलन में महिला किसानों की संख्या काफी नजर आई। भारतीय किसान यूनियन शहीद भगत सिंह के अध्यक्ष अमरजीत सिंह मोहड़ी ने कहा कि आंदोलन पहले दिन से ही मजबूत है। केंद्र सरकार उनके सब्र का इम्तिहान ले रही है। वे पीछे हटने वाले नहीं है। जब तक सरकार अपने फैसले को लागू नहीं करती, वे दिल्ली कूच को लेकर निरंतर आगे बढ़ेंगे।

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