पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने दिव्यांग छात्रों के लिए विशेष शिक्षकों की कमी के कारण दिव्यांग छात्रों से शिक्षा का अधिकार छीनने का आरोप लगाते हुए दायर याचिका पर पंजाब सरकार और अन्य पक्षों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
पंजाब के स्कूलों में दिव्यांग छात्रों की विशेष शिक्षा के लिए फतेह एजुकेशनल एंड रिहैबिलिटेशन फाउंडेशन ने वकील सार्थक गुप्ता के माध्यम से याचिका दायर करते हुए हाई कोर्ट को बताया कि पंजाब के स्कूलों में दिव्यांग छात्रों की विशेष शिक्षा के लिए विशेष शिक्षकों की कमी है। 28 अक्टूबर, 2021 को सुप्रीम कोर्ट ने रजनीश कुमार पांडे बनाम केंद्र सरकार मामले में विकलांग छात्रों के लिए दिशानिर्देश जारी किए।
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तदनुसार, विशेष विद्यालयों में छात्रों और शिक्षकों का अनुपात तय किया जाना चाहिए और सामान्य विद्यालयों में भी विशेष शिक्षकों की व्यवस्था की जानी चाहिए। स्कूलों में अन्य स्टाफ को भी दिव्यांग बच्चों के बारे में प्रशिक्षित किया जाना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने इसके लिए केंद्र और राज्यों को 2022-23 सत्र तक का समय दिया था। इसके बाद 21 सितंबर 2022 को केंद्र सरकार ने इसके लिए जरूरी अधिसूचना जारी कर दी।
इन सबके बावजूद अभी भी स्कूलों में विशेष शिक्षक नहीं हैं और सरकार उनकी नियुक्ति के लिए कोई काम नहीं कर रही है। याचिकाकर्ताओं की दलीलें सुनने के बाद हाई कोर्ट ने पंजाब सरकार और अन्य प्रतिवादियों को नोटिस जारी कर जवाब दाखिल करने का आदेश दिया। साथ ही अगली सुनवाई के दौरान शिक्षकों के संबंध में विस्तृत हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया गया है।