Heat Wave : हरियाणा के राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग ने हीट-वेव यानि लू अथवा अत्यधिक गर्मी से बचाव को लेकर विभिन्न विभागों को निर्देश जारी किए हैं।
विभाग के प्रवक्ता ने इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि प्रदेश सरकार की ओर से सभी प्रमुख विभागों को निर्देश दिए गए हैं कि वे लोगों को लू से बचाव के लिए एडवाइजरी के अनुसार लोगों को जागरूक करें।
उन्होंने बताया कि गर्मी के चलते अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि राज्य में गर्मी की लहर की स्थिति पर नजर रखें। हीट वेव के दुष्प्रभावों को कम करने के हरसंभव प्रयास करें। गर्मी की लहर से संबंधित प्रतिकूल प्रभावों से बचने के लिए जनता को जागरूक करना भी जरूरी है। इसके लिए प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक व सोशल मीडिया के माध्यम से लोगों में जागरूकता लाई जाए ताकि लोग अत्यधिक गर्मी से बचाव कर सकें।
उन्होंने बताया कि महिला एवं बाल विकास विभाग को निर्देश दिए गए हैं कि शिशुओं, पांच वर्ष से कम उम्र के बच्चों, गर्भवती और स्तनपान कराने वाली माताओं और वृद्ध लोगों पर विशेष ध्यान दिया जाए ताकि उन्हें निर्जलीकरण से बचाया जा सके।
जरूरी दवाइयों का प्रबंध रखने के निर्देश
उन्होंने स्वास्थ्य विभाग को जरूरी दवाइयों का प्रबंध रखने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा है कि स्वास्थ्य केंद्रों और आंगनबाड़ी केंद्रों पर ओआरएस पैकेट, आवश्यक दवा, तरल पदार्थ, आइस पैक, जीवन रक्षक दवाओं की पर्याप्त आपूर्ति का प्रावधान हो। स्वास्थ्य केंद्रों, सीएचसी/पीएचसी पर कूलर आदि लगाएंं। हीट स्ट्रोक रूम में जरूरत के अनुरूप बिस्तर के अलावा उपलब्धता के अनुसार सीएचसी और पीएचसी पर ठंडे पानी का प्रबंध हो। सभी अस्पतालों/पीएचसी/सीएचसी में ओआरएस और तरल पदार्थ के पर्याप्त स्टॉक हो। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र / सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों एवं जिला अस्पताल पर आवश्यक दवाईयां उपलब्ध हों। आपातकालीन सेवाएं 24 घंटे सुचारू रखें।
उन्होंने आगे बताया कि पंचायती राज विभाग को मनरेगा श्रमिकों को दिन के दौरान अत्यधिक गर्मी से बचाने के लिए काम के घंटों को ध्यान रखने और कार्यस्थलों पर पर्याप्त पेयजल व छांव का प्रबंध रखने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने संबंधित विभागों को निर्देश दिए हैं कि पार्कों, बस अड्डों, पर्यटक स्थलों तथा खुले क्षेत्रों में छाया की व्यवस्था करें। मंदिर, सार्वजनिक भवन, मॉल जैसे कूलिंग सेंटर की पहचान की जा सकती है और उनका उपयोग किया जा सकता है। ग्रामीण क्षेत्रों के सार्वजनिक स्थलों, चौराहों व आवश्यकतानुसार संबंधित गांवों में पानी की टंकी/टैंकरों आदि की व्यवस्था कराना सुनिश्चित कराएं।
इसके अलावा , बिजली निगम को निर्देश दिए गए हैं कि बिजली की कटौती के दौरान पावर बैकअप का प्रावधान किया जाए ताकि निर्बाध बिजली उपलब्ध हो सकें। शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में टूटे हुए बिजली के खंभों आदि को सुदृढ़ करना व क्षेत्रों में समय-समय पर रोस्टर के आधार पर बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करना। बिजली कट के बारे में लोगों को सूचना दें।
आमजन के साथ-साथ पशुओं के पीने के पानी के लिए प्रबंध करें
उन्होंने बताया कि पशु पालन विभाग व जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग को निर्देश दिए गए हैं कि आमजन के साथ-साथ पशुओं के पीने के पानी के लिए ट्यूबवेल आदि का भी प्रबंध किया जाए। मवेशियों की सुरक्षा के लिए हीटवेव एक्शन प्लान तैयार करें। गर्मी की स्थितियों के दौरान पशुधन में आने वाली बीमारियों के लक्षण व उसके बचाव के बारे में लोगों को जागरूक करें। पशुओं को सुरक्षित रखने हेतु टीकाकरण का कार्य नियमित रूप से संचालित किया जाये, साथ ही पशु केन्द्रों पर आवश्यक दवाओं का भण्डारण सुनिश्चित हो।
श्रम विभाग द्वारा गर्मी की लहर से संबंधित बीमारी के संबंध में निर्माण/उद्योगों/वाणिज्यिक संस्थाओं के साथ प्रशिक्षण दिया जाए। स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से विशेष रूप से अनौपचारिक क्षेत्रों और बस्तियों में स्वास्थ्य शिविर लगाएं जाए। इसके अलावा श्रमिकों के लिए सभी कार्य परिसरों में पेयजल की सुविधा मुहैया करवाई जाए।
नगर परिषद को निर्देश दिए गए हैं कि वे शहरी क्षेत्रों के सब्जी मण्डी / चौराहों व सार्वजनिक स्थलों पर शीतल जल की समुचित व्यवस्था हो तथा नगर के दूर-दराज क्षेत्रों में पानी आदि की व्यवस्था सुनिश्चित करना है।
इसी प्रकार, शिक्षा विभाग को निर्देश दिए गए हैं कि अत्यधिक गर्मी/दोपहर में लू से बचने के लिए सरकार या विभाग के निर्देशानुसार स्कूलों का समय पुनर्निर्धारित किया जाए। स्कूल जल्दी शुरू हो सकते हैं और दोपहर से पहले बंद हो सकते हैं। सभी स्कूलों और शिक्षा संस्थानों में स्वच्छ पेयजल का प्रबंध हो।
लोगों को पानी की बचत के बारे में जागरूक करें
जनस्वास्थ्य विभाग को निर्देश दिए गए हैं कि लोगों को पानी की बचत के बारे में जागरूक करें। लोगों को बताएं कि वे पेयजल से वाहनों को न धोएं। पानी की बर्बादी को रोकें।
परिवहन विभाग को निर्देश दिए गए हैं कि वे बस स्टैंडों और अन्य सार्वजनिक स्थानों पर सुरक्षित परिवहन के लिए स्वास्थ्य टीमों की तैयारी एवं पीने के पानी तथा यात्रियों के लिए लू से बचाव की उचित व्यवस्था सुनिश्चित कराई जाए। स्टैंडों पर प्राथमिक चिकित्सा की व्यवस्था भी की जाए।
ग्निशमन विभाग 24 घंटे उपलब्ध हो
अग्निशमन विभाग को निर्देश दिए गए हैं कि लू के दृष्टिगत अग्निशमन विभाग 24 घंटे उपलब्ध हो। आगजनी की सूचना हेतु टोल फ्री व उसका प्रचार प्रसार करें। सभी जिलों में संवेदनशील बिल्डिंग तथा सरकारी भवन, अस्पताल, विद्यालय आदि में फायर सेफ्टी ऑडिट कराते हुए पूर्व से ही फायर मॉक ड्रिल सुनिश्चित कर लिया जाए।