Friday, May 10, 2024
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हरियाणा के गोलू-2 की कोल्हापुर में धूम, 30 हजार से ज्यादा बच्चों का है बाप

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गोलू-2 भैंस टीवी देखने का शौकीन है और इस भैंसे के लिए उन्होंने एक एसी कमरे में एलईडी भी लगवाई है जिसको वह बड़े आराम से बैठकर देखता है। गर्मी से बचने के लिए गोलू-2 भैंसा के लिए एक स्विमिंग पूल बनवाया गया है।

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पानीपत। हरियाणा के गोलू 2 के चर्चे पूरे देश में हो रहे हैं। महाराष्ट्र के कोल्हापुर में इन दिनों गोलू-2 की धूम मची है। कोल्हापुर में आयोजित पशु मेले में तो तरह-तरह के पशु आये हुए हैं, लेकिन हरियाणा के पानीपत से आये मुर्रा नस्ल के भैसें गोलू-2 को देखने के लिए किसानों और पशुपालकों की भीड़ उमड़ पड़ी है। कुछ दिनों पहले बिहार में हुए पशु मेले में प्रथम स्थान हासिल करने के बाद अब गोलू ने महाराष्ट्र के कोल्हापुर में पशु मेले में भी प्रथम स्थान हासिल किया है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस भैंसे को देखने के बाद यही कहा था, आज तक मैंने ऐसा भैंसा कभी नहीं देखा।

कई प्रतियोगिताएं जीत चुका है गोलू-2

साथ ही खूबसूरत और आकर्षक गोलू 2 भैंसा ने देश भर में कई प्रतिष्ठित प्रतियोगिताएं भी जीती हैं। सांसद धनंजय महाडिक की पहल से पिछले 15 वर्षों से कोल्हापुर में भीम कृषि पशुधन शो का आयोजन किया जा रहा है। हर साल की तरह इस साल भी इस कृषि प्रदर्शनी का आयोजन 26 से 29 जनवरी तक किया गया। इस प्रदर्शनी में 10 करोड़ रुपये की कीमत वाली गोलू-2 भैंसा सबसे ज्यादा चर्चा में रहा। भैंसे के मालिक का दावा है कि ‘गोलू-2’ हाथी के बाद सबसे बड़ा और लंबा जानवर है।

बता दें, इस प्रतियोगिता में गोलू-2 भैंसा के साथ-साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सबसे छोटी गाय ‘पुंगनूर’ का भी प्रदर्शन मुख्य आकर्षण का केन्द्र बना हुआ था।इसके अलावा प्रतियोगिता में 100 किलो वजनी वैताल हिरन, लड़ाकू मुर्गा, 1 साल 26 दिन वजनी कोहिनूर बीटल बकरी, 95 किलो वजनी लाल कंधारी भैंस, 6 फीट 2 इंच का रावण नाम का लाल कंधारी बैल, नांदेड़ का खिल्लर बैल, साढ़े चार फीट लंबा पंढरपुरी भैंसा भी मुख्य आकर्षण का केंद्र था। लेकिन इन सब पर हरियाणा का गोलू-2 भैंसा भारी पड़ा और प्रतियोगिता को अपने नाम कर लिया।

गोलू-2 के करीब 30 हजार उत्तराधिकारी

हरियाणा के पानीपत जिले के डिडवारी गांव के रहने वाले पशुपालक नरेंद्र सिंह को पशुपालन क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए पद्मश्री पुरस्कार मिल चुका है। वर्ष 2019 में उन्हें पद्मश्री का सम्मान मिला। नरेंद्र सिंह का कहना है कि गोलू-2 अपने पिता और दादा से बेहतर भैंसा है। गोलू-2 ने अब तक 30 हजार के करीब अपने ह्रष्ट-पुष्ट उत्तराधिकारी को पैदा कर चुका है। इसके एक संतान का नाम कोबरा रखा गया है। गोलू के सीमन की देशभर में ही नहीं, विदेशों में भी डिमांड है। लेकिन नरेंद्र सिंह किसी सप्लायर को नहीं, बल्कि वे सिर्फ किसान पशुपालकों को ही सीमेन देते हैं।

रोल्स रॉयस कार से भी अधिक कीमत है गोलू-2 की

पद्म श्री नरेंद्र सिंह अपने भैंसे को घोल्लू बुलाते हैं। गोलू-2 की कीमत के आगे रोल्स रॉयस कार भी पानी भरती है क्योंकि इसकी कीमत करीब 10 करोड़ रुपये आंकी गई है। नरेंद्र सिंह बताते हैं कि छह साल के भैंसे गोलू-2 उनके घर तीसरी पीढ़ी है। वे बताते हैं कि इसके दादा पहली पीढ़ी थे, जिसका नाम गोलू था। उसका बेटा बीसी 448-1 को गोलू-1 कह सकते हैं। यह गोलू का पोता है। नरेंद्र बताते हैं कि गोलू-2 का सीमेन बेचकर वो हर साल करीब 25 लाख रुपये की कमाई कर लेते हें। गोलू-2 नरेंद्र सिंह के इशारे को समझता है।

भोजन पर करीब 30 से 35 हजार प्रति माह खर्च

10 करोड़ के भैंसे गोलू-2 की खुराक में ड्राई फ्रूट शामिल रहता है। गोलू-2 का वजन करीब 15 क्विंटल है, जबकि ऊंचाई करीब साढ़े पांच फीट है। 10 करोड़ भैंसे गोलू-2 की चौड़ाई साढ़े तीन फुट है जबकि लंबाई 14 फुट है। गोलू हर दिन करीब 35 किलोग्राम सूखा और हरा चारा के अलावा चने खाता है। इसकी डाइट में 7 से 8 किलोग्राम गुड़ भी शामिल है। उसे कभी-कभार घी और दूध भी मिलता है। इसके भोजन पर करीब 30 से 35 हजार प्रति माह खर्च है।

इस नस्ल के भैंसे की औसत आयु करीब 20 वर्ष

पशुपालक नरेंद्र बताते है कि गोलू 2 की सेवा में परिवार के सभी जुटे रहते हैं। उनकी कोशिश है कि अच्छे सीमेन का प्रयोग करके अच्छे भैंसे और भैंस तैयार हो सके, ताकि देश में दूध-दही की कभी कमी न हो। नरेंद्र सिंह ने बताया कि वे अपने भैंसे गोलू को लेकर देशभर में जाते हैं, इसी क्रम में वे कोल्हापुर आए हैं। उन्होंने बताया कि लंपी बीमारी के कारण पिछले साल वे अपने गोलू-2 को किसी प्रतियोगिता में लेकर नहीं जा सके। अभी गोलू-2 की उम्र 6 साल है। इस नस्ल के भैंसे की औसत आयु करीब 20 वर्ष होती है। इसलिए 14 साल तक इसे सुरक्षित रखना चुनौती है।

टीवी देखने का शौक़ीन है गोलू-2

पशुपालक नरेंद्र बताते हैं कि इस भैंसे का प्रतिदिन खर्च 5 से 10 हजार रुपए है। यह भैंसा अब तक देश भर में सैकड़ों अवार्ड जीत चुका है। पशुपालक नरेंद्र इस भैंसे को अपने बच्चों जैसा प्यार करते हैं। नरेंद्र ने बताया कि गोलू ने पैसे के साथ-साथ पूरे देश में मान सम्मान दिलवाया है और उनका नाम रोशन किया है। इस भैंसे को देखने के लिए देश-विदेश से भी पशुपालक उनके पास आते हैं। इतना ही नहीं गोलू-2 भैंस टीवी देखने का शौकीन है और इस भैंसे के लिए उन्होंने एक एसी कमरे में एलईडी भी लगवाई है जिसको वह बड़े आराम से बैठकर देखता है। गर्मी से बचने के लिए गोलू-2 भैंसा के लिए एक स्विमिंग पूल बनवाया गया है।

प्रतियोगिता में ले जाने किए विशेष एंबुलेंस

प्रतियोगिता में भैंस को ले जाने के लिए पशु पालक नरेंद्र ने एक एंबुलेंस बनवाई है, जिसका खर्च लगभग 10 से 12 लाख रुपए आया है। इस एंबुलेंस में भैंसे के लिए हर प्रकार की सुविधा भी दी गई है। भैंसे को कभी किसी तरह की परेशानी ना हो इसको लेकर पशुपालक नरेंद्र हमेशा सजग रहते हैं। नरेंद्र इस भैंसे से हर महीने लाखों रुपए कमा रहे हैं।

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