Friday, October 18, 2024
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विधानसभा चुनाव के नतीजे कल : रोहतक के रण का कौन होगा राजा, किसके सिर सजेगा ताज?

गरिमा टाइम्स न्यूज.रोहतक। प्रदेश की सियासी राजधानी रोहतक की विस सीटों की चौधर किसके हाथ में रहेगी, इसका फैसला मंगलवार सुबह 8 से 12 बजे के बीच में हो जाएगा। रोहतक विधानसभा क्षेत्र की चार सीटों रोहतक शहर, गढ़ी सांपला – किलोई, महम व कलानौर के मतों की गणना जाट शिक्षण संस्था में होगी।

रोहतक जिले के चुनाव परिणामों का सीधा असर प्रदेश की सियासत खासकर भाजपा की राजनीति पर पड़ेगा। वैसे तो जिले की चारों सीट हॉट हैं, लेकिन गढ़ी सांपला – किलोई व रोहतक शहर पर प्रदेश भर की निगाहें लगी हुई हैं। प्रदेश की सियासी राजधानी में चार हलके आते हैं। इस बार 56 प्रत्याशी अपना भाग्य आजमा रहे हैं। मंगलवार को सुबह 8 बजे मतगणना शुरू हो जाएगी।

 डॉक्टर मंगलसेन की कर्मभूमि का चौधरी ग्रोवर या बतरा

भाजपा के पितामह डॉक्टर मंगलसेन और कांग्रेस के बतरा बंधुओं का गढ़ रहे रोहतक में कांग्रेस व भाजपा के बीच सीधा मुकाबला है। आजादी के बाद 1947 में बंटवारे के बाद आए पंजाबी समुदाय के लोगों का अब तक दबदबा रहा है। अब तक केवल बनिया समुदाय से सेठ श्रीकिशन दास गैर पंजाबी विधायक बने। 1952 से लेकर 2014 तक हर बार पंजाबी समुदाय से ही विधायक बनता आ रहा है। चाहे वह भाजपा से है या कांग्रेस पार्टी की तरफ से है। सीट पर भाजपा के डॉक्टर मंगलसेन का दबदबा रहा है। उन्होंने 1957 से 1987 तक नौ चुनाव लड़े और सात में जीत हासिल की। उनके देहांत के बाद कांग्रेस के बतरा बंधुओं ने जीत हासिल की। 1990 से लेकर 2014 तक केवल 1996 व 2014 में कांग्रेस के बतरा बंधु हारे। 10 साल कांग्रेस ने रोहतक की चौधर का नारा देकर राज किया, लेकिन 2014 में कांग्रेस के भारत भूषण बतरा भाजपा के मनीष ग्रोवर से हार गए। सार्वजनिक तौर पर पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा था कि प्रदेश भर के नेता पूछते हैं कि रोहतक में इतना विकास करवाया।

  • हलका रोहतक

    1952- देवराज सेठी – कांग्रेस

  • 1957- डाक्टर मंगलसेन- जनसंघ
  • 1962- डाक्टर मंगलसेन- जनसंघ
  • 1967- डाक्टर मंगलसेन- जनसंघ
  • 1968- डाक्टर मंगलसेन – जनसंघ
  • 1972- सेठ किशन दास- कांग्रेस
  • 1977- डाक्टर मंगलसेन- जनसंघ
  • 1982- डाक्टर मंगलसेन- भाजपा
  • 1985- उप चुनाव सेठ किशन दास- कांग्रेस
  • 1987- डाक्टर मंगलसेन – भाजपा
  • 1991- सुभाष बतरा – कांग्रेस
  • 1996- सेठ किशन दास – हविपा
  • 2000- शादीलाल बतरा – कांग्रेस
  • 2005 – शादीलाल बतरा – कांग्रेस
  • 2009- भारत भूषण बतरा- कांग्रेस
  • 2014 – मनीष ग्रोवर – भाजपा
  • 2019- भारत भूषण बतरा- कांग्रेस

गढ़ी सांपला-किलोई : किलोई में 19 साल से अंगद की तरह पैर जमा कर बैठे पूर्व सीएम हुड्डा
10 साल प्रदेश के मुख्यमंत्री व चार बार सांसद रहे भूपेंद्र सिंह हुड्डा 2000 से गढ़ी सांपला-किलोई हलके में अंगद की तरह पैर जमाकर बैठे हैं। विपक्ष अब तक उनको हराना तो दूर, कांटे की टक्कर तक नहीं दे सका है। 1982 से अब तक के राजनीतिक सफर में हुड्डा केवल चार बार 1982 और 1987 में किलोई से विधानसभा और 1999 में रोहतक व 2019 में सोनीपत लोकसभा सीट हारे हैं। 2000, 2005,2009 व 2014 से वे लगातार किलोई हलके से विधायक हैं। इससे पहले 1991, 1996, 1998 में रोहतक लोकसभा सीट से ताऊ देवीलाल को हराकर प्रदेश की राजनीति का बड़ा चेहरा बनकर उभरे थे। 24 अक्तूबर 2019 का दिन उनके लिए अग्नि परीक्षा की तरह है। अगर वे कांग्रेस की नैया पार लगा ले गए तो एक तरह से उनको राजनीतिक संजीवनी मिलेगी। अगर अप्रत्यक्ष चुनाव परिणाम आया तो उनके व कांग्रेस के लिए बड़ा सियासी आघात होगा। दूसरी तरफ नगर परिषद की चेयरपर्सन रही मंजू हुड्डा करने की दिक्कत अबकी बार भाजपा के टिकट पर हुड्डा को चुनौती दे रहे हैं। अगर वे हुड्डा को मात देते हैं उनका राजनीतिक ग्राफ शिखर पर पहुंच जाएगा।

हलका गढ़ी सांपला-किलोई : कौन कब किस हलके से बना विजेता

  • 1952- चौधरी माडू सिंह – जमींदार पार्टी
  • 1957 –  सूरजभान – निर्दलीय
  • 1962 – चौधरी रामस्वरूप- हरियाणा लोक समिति पार्टी
  • 1967 – महंत श्रेयोनाथ- निर्दलीय
  • 1968 – चौधरी रणबीर हुड्डा – कांग्रेस
  • 1972- महंत श्रेयोनाथ – कांग्रेस (एस)
  • 1977- हरिचंद हुड्डा – जनता पार्टी
  • 1982- हरिचंद हुड्डा – लोकदल
  • 1987- श्रीकृष्ण हुड्डा- लोकदल
  • 1991- कृष्णमूर्ति हुड्डा- कांग्रेस
  • 1996- श्रीकृष्ण हुड्डा – एसएपी
  • 2000 – भूपेंद्र सिंह हुड्डा- कांग्रेस
  • 2005- भूपेंद्र सिंह हुड्डा – कांग्रेस
  • 2009- भूपेंद्र सिंह हुड्डा- कांग्रेस
  • 2014 – भूपेंद्र सिंह हुड्डा – कांग्रेस
  • 2019-  भूपेंद्र सिंह हुड्डा – कांग्रेस
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