चंडीगढ़। हरियाणा परिवहन विभाग ने रोडवेज में कार्यरत अधिकारियों और कर्मचारियों पर शिकंजा कसा है । परिवहन विभाग ने रोड़वेज में नौकरी करने वाले अपने अधिकारियों और कर्मचारियों पर शिकंजा कसते हुए कहा है कि अब रोड़वेज कर्मी अपनी रिटायरमेंट पर कोई भी महंगा गिफ्ट नहीं लेगा। यदि कोई ऐसा करता हुआ पाया गया तो उसके खिलाफ FIR और भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत विभागीय कार्रवाई की जाएगी और संबंधित अधिकारी और कर्मचारी के सेवानिवृत्ति लाभ भी रोक दिए जाएंगे।
परिवहन विभाग के प्रधान सचिव नवदीप विर्क ने आदेश जारी करते हुए कहा कि यदि किसी डिपो में कर्मचारी या अधिकारी को सेवानिवृत्ति पर महंगा गिफ्ट दिया जाता है तो इसके लिए महाप्रबंधक जिम्मेदार होंगे। महाप्रबंधकों को उपहार दिए जाने से जुड़े सभी मामलों की रिपोर्ट परिवहन निदेशक और मुख्य सतर्कता अधिकारी को देनी होगी। लेकिन वहीं दूसरी साइड अगर कोई महाप्रबंधक स्वयं उपहार लेते हुए पाया जाता है तो संबंधित यातायात और कार्य प्रबंधक की जिम्मेदारी होगी कि वह अधिकारियों को सूचित करें।
इसी तरह परिवहन मुख्यालय में यदि कोई कर्मचारी उपहार लेते पाया जाता है तो परिवहन निदेशक इसकी सूचना करेंगे। किसी रिश्तेदार या सहयोगी के नाम पर उपहार लेना भी भ्रष्टाचार की श्रेणी में माना जाएगा। दिए गए आदेशों में बताया गया है कि ऐसे गिफ्ट भ्रष्टाचार की श्रेणी में आते हैं और यह सर्विस रूल का उल्लंघन है। रोडवेज महाप्रबंधक, वर्कस मैनेजर और ट्रैफिक मैनेजर की कमेटी ऐसे मामलों की जांच कर रिपोर्ट मुख्यालय को देगी ताकि आरोपित के खिलाफ कार्रवाई की जा सके।
सेवानिवृति पर महंगे उपहार लेने के आरोप में एक जनवरी 2022 के बाद रिटायर हुए 60 अधिकारी और कर्मचारी जांच के घेरे में हैं। परिवहन निदेशक ने पिछले साल एक जनवरी से विगत 31 अगस्त तक रिटायर हुए सभी अधिकारियों और कर्मचारियों की डिटेल मांगते हुए उनको उपहार देने के सबूत भी मांगे हैं ,ताकि उन पर कार्रवाई की जा सके।
इन अधिकारीयों पर आरोप है कि रोडवेज के कुछ कर्मचारी नेताओं ने रिटायरमेंट के दौरान महंगी गाड़ियां उपहार में ली हैं। इनमें से एक को क्रेटा, दूसरे को स्कार्पियों और तीसरे को इनोवा कार मिली। एक महाप्रबंधक की सेवानिवृत्ति पर उसे कर्मचारियों ने गाड़ी भेंट की। 31 अगस्त को रिटायर होने वाले एक अन्य महाप्रबंधक को गाड़ी देने के लिए रोडवेज कर्मचारी धनराशि जुटा रहे थे तो इसकी जानकारी रोडवेज निदेशालय तक पहुंच गई। इसके बाद संबंधित महाप्रबंधक को स्थानांतरित कर उसे मुख्यालय अटैच कर दिया गया।
परिवहन विभाग के प्रिंसिपल सेक्रेटरी ने बताया कि ऐसे गिफ्ट भ्रष्टाचार की श्रेणी में आते हैं और साथ ही ये सर्विस नियमों का भी उल्लंघन है। इसलिए यदि किसी डिपो में कर्मचारी की रिटायरमेंट पर गिफ्ट मिलता है तो इसके लिए जीएम उत्तरदायी होगा। सभी डिपो के जीएम अगले सात दिनों में ऐसे गिफ्ट की जानकारी स्टेट ट्रांसपोर्ट के डायरेक्टर और चीफ विजिलेंस ऑफिसर को देंगे। साथ ही रोड़वेज जीएम , वर्क्स मैनेजर और ट्रेफिक मैनेजर तीनों ऐसे केसों की जांच करेंगे।इसके अलावा सोशल मीडिया, अखबारों में फोटोग्राफ इक्कठा करेंगे और यदि कार गिफ्ट की गई है तो उसकी कार एजेंसी से इनवाइस बिल, पैन नंबर जैसी जानकारी भी जुटाएंगे।
दिए गए आदेशों में बताया गया है कि ऐसे गिफ्ट भ्रष्टाचार की श्रेणी में आते हैं और यह सर्विस रूल का उल्लंघन है। रोडवेज महाप्रबंधक, वर्कस मैनेजर और ट्रैफिक मैनेजर की कमेटी ऐसे मामलों की जांच कर रिपोर्ट मुख्यालय को देगी ताकि आरोपित के खिलाफ कार्रवाई की जा सके।