चंडीगढ़ : हरियाणा 6 से 9 दिसंबर तक पंचकूला में इंडिया इंटरनेशनल साइंस फेस्टिवल (आईआईएसएफ)-2025 की मेजबानी करेगा। विज्ञान, नवाचार और प्रौद्योगिकी के इस उत्सव के लिए इस वर्ष का थीम “विज्ञान से समृद्धि: फॉर आत्मनिर्भर भारत” रखा गया है। यह मिशन खुशहाली, आत्मनिर्भरता और टेक्नोलॉजी और इनोवेशन में भारत के ग्लोबल लीडर के तौर पर उभरने में विज्ञान की अहम भूमिका को रेखांकित करता है।
मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी की अध्यक्षता में गुरुवार को हुई एक उच्च स्तरीय बैठक में साइंस फेस्टिवल को लेकर की जा रही तैयारियों की विस्तृत समीक्षा की गई। मुख्य सचिव ने निर्देश दिए कि आवास, सुरक्षा, परिवहन तथा मीडिया आउटरीच से संबंधित सभी जरूरी प्रबंध समय से पहले पूर्ण किए जाएं। उन्होंने कहा कि इस महोत्सव के सफल आयोजन के लिए सभी विभागों के बीच सुचारू समन्वय सुनिश्चित किया जाना चाहिए।
बैठक में बताया गया कि आईआईएसएफ-2025 का मकसद वैज्ञानिकों, नव-प्रवर्तकों, शिक्षकों, विद्यार्थियों, इंडस्ट्री लीडर्स, साइंस कम्युनिकेटर और नीति-निर्माताओं को एक राष्ट्रीय मंच पर लाना है, ताकि उन सबके बीच सहयोग, रचनात्मकता और वैज्ञानिक जिज्ञासा को प्रोत्साहित किया जा सके। इस उत्सव का उद्देश्य नवाचारों को सार्थक परिणामों में बदलना और वैज्ञानिक खोजों को समाज हित के विकासात्मक पहलों से जोड़ना है। यह आयोजन केंद्र सरकार के पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय द्वारा विज्ञान मंत्रालय तथा विभिन्न सरकारी विभागों के सहयोग से किया जा रहा है।
आईआईएसएफ-2025 में भारत की बढ़ती वैज्ञानिक क्षमताओं और सतत विकास आगे बढ़ाने वाले उन्नत अनुसंधान तथा नवाचार में हो रही महत्वपूर्ण प्रगति को प्रदर्शित किया जाएगा। इस उत्सव में युवा विद्यार्थियों को साइंस और टेक्नोलॉजी में करियर बनाने के लिए प्रोत्साहित करने, साइंस-बेस्ड एंटरप्रेन्योरशिप को मजबूत करने और भारत की पारंपरिक ज्ञान प्रणालियों को आधुनिक वैज्ञानिक शोध के साथ जोड़ने पर खास जोर दिया जाएगा। आईआईएसएफ-2025 का मकसद वैश्विक वैज्ञानिक सहयोग को भी मजबूत करना है, जिससे भारत दुनिया के साथ मिलकर साझा चुनौतियों का सामना कर सके।
पंचकूला का स्वच्छ वातावरण, सुव्यवस्थित शहरी ढांचा और प्राकृतिक सौंदर्य इसे इस प्रतिष्ठित उत्सव की मेजबानी के लिए आदर्श बनाते हैं। माता मनसा देवी मंदिर, पिंजौर गार्डन और मोरनी हिल्स जैसे इसके सांस्कृतिक और प्राकृतिक आकर्षण देश-विदेश से आने वाले प्रतिभागियों के लिए विशेष अनुभव प्रदान करेंगे।
इंडिया इंटरनेशनल साइंस फेस्टिवल में विभिन्न विषयगत सत्र और इंटरैक्टिव गतिविधियां होंगी। प्रमुख कार्यक्रमों में साइंस ऑन स्फीयर, हिमालयाज इन ए चेंजिंग क्लाइमेट, थॉट लीडर्स राउंड टेबल, विजन संसद तथा ब्लू इकोनॉमी और क्लीन एनर्जी जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर सत्र शामिल होंगे। युवा प्रतिभागियों के लिए हैकाथॉन, स्टार्टअप शोकेस, शीर्ष वैज्ञानिकों के साथ संवाद तथा यंग साइंटिस्ट्स कॉन्क्लेव जैसी गतिविधियाँ आयोजित की जाएंगी। कटिंग-एज टेक्नोलॉजी पर आधारित विशेष सत्रों में कृत्रिम बुद्धिमत्ता एवं एजीआई, क्वांटम टेक्नोलॉजी, जीन एडिटिंग, सेमीकंडक्टर्स, न्यू स्पेस टेक्नोलॉजीज और उभरती दूरसंचार प्रणालियाँ शामिल होंगी।
अन्य प्रमुख आकर्षणों में इंटरनेशनल ओलंपियाड स्टूडेंट्स मीट, नारी शक्ति सत्र, नेशनल मीडिया कॉन्क्लेव और नेशनल सोशल ऑर्गेनाइजेशन्स एंड इंस्टिट्यूशन्स मीट (एनएसओआईएम) शामिल हैं। साइंस सफारी में खेल, प्रदर्शन और रोमांच आधारित गतिविधियों के माध्यम से विज्ञान को सरल और रोचक ढंग से प्रस्तुत किया जाएगा। वहीं विज्ञान, प्रौद्योगिकी, रक्षा और अंतरिक्ष की व्यापक प्रदर्शनी में यूएवी और अत्याधुनिक रक्षा तकनीक का प्रदर्शन किया जाएगा।
भारत की पारंपरिक ज्ञान विरासत को अत्याधुनिक अनुसंधान से जोड़ते हुए,आईआईएसएफ-2025 देश की वैज्ञानिक नेतृत्व की यात्रा में मील का पत्थर साबित होगा।
बैठक में उच्च शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव विनीत गर्ग, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के महानिदेशक श्री राजीव रत्तन, सूचना, जनसंपर्क, भाषा एवं संस्कृति विभाग के महानिदेशक के. मकरंद पांडुरंग तथा अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।

