हरियाणा सेवा का अधिकार आयोग ने कठोर कदम उठाते हुए उत्तर हरियाणा बिजली वितरण निगम पानीपत में कार्यरत कमर्शियल सहायक (सीए) पर 5 हजार रूपए का जुर्माना लगाया। आयोग ने यह जुर्माना अधिसूचित सेवा निर्धारित समय सीमा में न देने व काम मे ढिलाई बरतने के कारण लगाया गया।
प्रवक्ता ने मामले की जानकारी देते हुए बताया कि शिकायतकर्ता सत्या देवी जिंदल ने बिंलिग तथा खराब मीटर से सम्बंधित शिकायत उत्तर हरियाणा बिजली वितरण निगम पानीपत में भेजी थी। उन्होंने बताया कि 10.07.2023 से 22.01.2024 के बीच उपभोक्ता का मीटर खराब था। इस अवधि के दौरान उसे एवी बेसिस (लगभग 2272 यूनिट) पर बिल दिया गया था। गौरतलब है कि उपभोक्ता का खराब मीटर 21.01.2024 को स्मार्ट मीटर से बदल दिया गया था।
इसके अलावा, 09.02.2024 को उपभोक्ता को एक बिल प्राप्त हुआ जिसमें पहले जारी किए गए औसत बिल के बदले 16,487.87 रुपये का बिल बनाकर भेजा गया। इसी बिल के आधार पर उपभोक्ता ने अपनी शिकायत दर्ज कराई। इसके अलावा, आयोग के हस्तक्षेप के बाद, सीए ने माना कि एवी आधार पर उपभोक्ता से 2272 यूनिट का शुल्क लिया जा रहा था, जो उसकी औसत खपत को देखते हुए अधिक था जोकि 290 यूनिट होना चाहिए था। इसके आधार पर, उपभोक्ता के बिल को पीवाईएम के आधार पर दुरस्त करके 7,245 रुपये का औसत बिल बनाकर उपभोक्ता को भेजा गया।
चूंकि आयोग उपरोक्त प्रतिक्रिया से संतुष्ट नहीं था, इसलिए आगे की जांच के लिए आयोग के मुख्य आयुक्त टीसी गुप्ता के समक्ष सुनवाई निर्धारित की गई थी। जांच के बाद निगम ने उपभोक्ता के 7,245 रुपये वाले बिल दुरस्त करके पुनः औसत बिल 5,350 रुपये का बिजली बिल बनाया गया।
आयोग ने जांच मे पाया कि इस मामले में विभिन्न स्तर पर ढिलाई बरती गई तथा उपभोक्ता को कई परेशानी का सामना करना पडा। इस संबंध में आयोग ने पानीपत के अधीक्षक अभियंता को निर्देश दिए हैं कि सेवा राम, सीए के वेतन में से 8 हजार रूपए की कटौती की जाए जिसमें 5 हजार रूपए राज्य खजाने में जमा करवाकर रसीद सहित आयोग को सूचित किया जाए एवं इसके अलावा शिकायतकर्ता सत्या देवी जिंदल के बैंक खाते में 3 हजार रूपए बतौर मुआवज़ा जमा करवाया जाए।