Friday, July 11, 2025
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जल्द आ सकता है हरियाणा जन विश्वास विधेयक, छोटे-मोटे अपराधों को अपराध से मुक्त करने….

चंडीगढ़ : हरियाणा में निवेश का माहौल बढ़ाने और प्रदेश को व्यापार-अनुकूल गंतव्य बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए, राज्य सरकार की योजना हरियाणा जन विश्वास विधेयक लाने की है। इस ऐतिहासिक विधेयक का उद्देश्य छोटे-मोटे अपराधों को अपराध से मुक्त करने के साथ-साथ नियामक बाधाओं को दूर करना और विभागों में अनुपालन बोझ को कम करना भी है।

कैबिनेट सचिवालय के विशेष सचिव  के.के. पाठक की अध्यक्षता में अनुपालन में कमी और और विनियमन को बढ़ावा देने के सम्बन्ध में हुई बैठक के दौरान इन पहलों की जानकारी दी गई।

हरियाणा के मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी ने इस बात पर जोर दिया कि राज्य सरकार विनियमन को बढ़ावा देकर, छोटे अपराधों को अपराध-मुक्त और अनुपालन बोझ को कम करके कारोबारी सहुलियत बढ़ाने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। मुख्य सचिव ने आगे कहा कि राज्य सरकार का दृष्टिकोण समग्र है। चाहे औद्योगिक स्वीकृतियों को सुव्यवस्थित करना हो, भू-अभिलेखों का डिजिटलीकरण हो या भवन बिल्डिंग कोड को सरल बनाना हो, हर उपाय का मकसद निवेशकों का भरोसा बढ़ाना और उद्यम को सहायता देना है।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वयं देश में उद्योग और व्यापार को बढ़ावा देने के लिए विनियमन और अनुपालन में कटौती के उपायों की नियमित समीक्षा कर रहे हैं। उन्होंने आश्वासन दिया कि शेष सुधार केन्द्र सरकार द्वारा निर्धारित समय-सीमा के भीतर लागू किए जाएँगे।

कैबिनेट सचिवालय के विशेष सचिव के.के. पाठक ने व्यापार सुधारों में अग्रणी राज्य के रूप में हरियाणा की सराहना करते हुए कहा कि केंद्र सरकार को अनुपालन में कमी और विनियमन के लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए राज्य से काफी उम्मीदें हैं। उन्होंने बताया कि किस तरह गुरुग्राम और फरीदाबाद आर्थिक गतिविधियों के प्रमुख केंद्र बनकर उभरे हैं, यहाँ तक कि कई मानकों में दिल्ली से भी आगे निकल गए हैं। उन्होंने कहा कि औद्योगिक विकास और आर्थिक गतिशीलता के मामले में हम हरियाणा को गुजरात, तेलंगाना, महाराष्ट्र और आंध्र प्रदेश जैसे बड़े राज्यों के बराबर मानते हैं।

हरियाणा के उद्योग एवं वाणिज्य विभाग के आयुक्त एवं सचिव डाॅ. अमित कुमार अग्रवाल ने कहा कि पिछले एक दशक में, हरियाणा ने तीन प्रमुख विभागों में 36 पुराने अधिनियमों को निरस्त किया है और 37 छोटे आपराधिक प्रावधानों को हटाया है। जन विश्वास विधेयक कानूनी आधुनिकीकरण के अगले चरण का प्रतीक है। इस सुधार की अगुवाई कर रहे उद्योग एवं वाणिज्य विभाग ने 37 विभागों के 230 से अधिक अधिनियमों की व्यापक समीक्षा शुरू की है।

इन सुधारों का सुव्यवस्थित और प्रभावी कार्यान्वयन सुनिश्चित करने के लिए, राज्य सरकार ने एक समर्पित राज्य-स्तरीय ईज ऑफ डूइंग बिजनेस (ईओडीबी) प्रकोष्ठ की स्थापना की है। मुख्य सचिव की प्रत्यक्ष देखरेख में यह प्रकोष्ठ विभिन्न विभागों के साथ समन्वय स्थापित कर रहा है, कानूनी प्रावधानों का विश्लेषण कर रहा है और सरलीकरण की सिफारिश कर रहा है।

इसके साथ ही, जटिलता को कम करने और एकीकृत योजना को आगे बढ़ाने के लिए, हरियाणा अपनी भूमि उपयोग नीतियों और विकास नियमों को भी युक्तिसंगत बना रहा है। राज्य ने मिश्रित भूमि उपयोग मॉडल को अपनाया है, जिससे अधिकांश क्षेत्रों में आवासीय, वाणिज्यिक और सार्वजनिक उपयोगों की अनुमति मिल गई है। लाल श्रेणी सहित सभी प्रकार के उद्योगों के लिए औद्योगिक क्षेत्रों को खोल दिया गया है, जबकि गैर-लाल श्रेणी के उद्योगों को कृषि क्षेत्रों में भी अनुमति है। सर्विस रोड के किनारे छोटी व्यावसायिक गतिविधियों की अनुमति है, और आवासीय क्षेत्रों में पूर्व अनुमति से गैर-आवासीय उपयोग किए जा सकते हैं। वर्तमान में एक समिति भूमि उपयोग उप-वर्गीकरण को और सरल बनाने के लिए काम कर रही है, जिसकी सिफारिशें जल्द आने की उम्मीद है।

इसके अलावा, एचएसआईआईडीसी के भूमि बैंक को पूरी तरह से डिजिटल कर दिया गया है और इसे इंडिया इंडस्ट्रियल लैंड बैंक पोर्टल के साथ एकीकृत किया गया है। निवेशक अब आवंटित और गैर-आवंटित भूखंडों के बारे में रीयल टाइम जानकारी के साथ-साथ जल आपूर्ति, सीवरेज, जल निकासी और बिजली जैसे बुनियादी ढाँचे के बारे में आसानी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

प्लग-एंड-प्ले बुनियादी ढाँचे को सक्षम करने के लिए, राज्य ने आईएमटी फरीदाबाद जैसी औद्योगिक सम्पदाओं में फ्लैटेड कारखाने विकसित किए हैं, जहां नई इकाइयाँ जल्द परिचालन शुरू कर सकती हैं।

इसके अलावा, राज्य में हरियाणा बिल्डिंग कोड-2017 के तहत निर्माण अनुमोदनों में तेजी लाने के लिए संस्थागत सुधार किए जा रहे हैं। कम जोखिम वाली औद्योगिक इमारतों के लिए स्व-प्रमाणन की अनुमति है और आवश्यक दस्तावेज जमा करवाने के बाद कब्जा प्रमाण पत्र आठ कार्य दिवसों के भीतर जारी किए जाते हैं। गुणवत्ता सुनिश्चित करने और विवादों को हल करने के लिए थर्ड पार्टी निरीक्षण एजेंसियां और फैक्ट-फाइंडिंग मेकैनिज्म भी मौजूद है।

उन्होंने कहा कि हरियाणा जन विश्वास एजेंडा के तहत श्रम सुधारों पर भी खास जोर दिया गया है। हरियाणा दुकान एवं प्रतिष्ठान विधेयक के नए मसौदे में प्रगतिशील प्रावधान किए गए हैं। इन प्रावधानों में केवल सूचना देकर महिलाओं के लिए रात्रि पाली की अनुमति देना, कोरम मानदंडों में ढील देना, पेंट्री आवश्यकताओं को सरल बनाना और दैनिक कार्य घंटों को बढ़ाकर 10 और तिमाही ओवरटाइम सीमा को 156 घंटे करना शामिल है। दस से कम कर्मचारियों वाली दुकानों को इस अधिनियम से छूट दी जाएगी, जिससे छोटे व्यवसायों को काफी लाभ होगा। पंजीकरण प्रमाण पत्र अब 24 घंटे के भीतर अंतरिम आधार पर जारी किए जाते हैं। साथ ही, उन्हें नवीनीकरण की भी आवश्यकता नहीं होती।

व्यवसाय-संबंधी सभी आवश्यक सेवाओं को ‘इन्वेस्ट हरियाणा सिंगल विंडो’ पोर्टल के अंतर्गत लाया गया है, जो राष्ट्रीय सिंगल विंडो सिस्टम के साथ एकीकृत है। इंटरैक्टिव डैशबोर्ड, पॉलिसी ट्रैकिंग और चैटबॉट स्पोर्ट के साथ संशोधित एआई-संचालित इन्वेस्ट हरियाणा पोर्टल दिसंबर 2025 तक पूरा होने की उम्मीद है।

बैठक में विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।

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